25 मार्च को देशभर में ई कॉमर्स लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाने की घोषणा,CAIT 28 मार्च को अमेजन-फ्लिपकार्ट के पुतलों का करेगी होलिका दहन

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रायपुर : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि देश के ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की मनमानी और देश के कानून तथा नीतियों का लगातार उल्लंघन करने के खिलाफ कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) गत अनेक वर्षों से जोरदार आवाज उठाता रहा है जिसके चलते अब केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गंभीर हो उठी है और ई कॉमर्स में एफडीआई की नीतियों में बदलाव हेतु विभिन्न वर्गों से सरकार का बातचीत का अभियान जारी है। इसी बीच आज कैट ने आगामी 25 मार्च को प्रदेश सहित देश भर में ष् ई कॉमर्स लोकतंत्र दिवसष् मनाने का आव्हान किया है वहीँ दूसरी ओर आगामी 28 मार्च को अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के पुतलों का होली दहन किया जाएगा।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज एक संयुक्त वक्तव्य में यह घोषणा करते हुए बताया की 25 मार्च को ई कॉमर्स लोकतंत्र दिवस के अंतर्गत देश के 600 से अधिक जिलों के कलेक्टरों को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल के नाम एक ज्ञापन दिया जाएगा तथा उसी दिन देश के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों के प्रमुख बाजार में स्थानीय व्यापारिक संगठन ष् ई कॉमर्स लोकतंत्र रैली ष् निकालेंगे । श्री पारवानी ने यह भी बताया की होली के त्यौहार में मौके पर देश भर में अमेजन एवं फ्लिपकार्ट द्वारा ई कॉमर्स व्यापार में हठधर्मी और कानून एवं नीतियों के उल्लंघन के खिलाफ उनके पुतलों का होलिका दहन कर देश भर के व्यापारी अपना रोष और आक्रोश प्रदर्शित करेंगे वहीँ केंद्र सरकार से यह मांग भी करेंगे की ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी के अंतर्गत प्रेस नोट 2 में आवश्यक बदलाव कर एक नया प्रेस नोट जारी किया जाए और उसका सख्ती से पालन भी करवाए जाने का प्रावधान किया जाए ।

श्री पारवानी ने कहा की ई कॉमर्स के विकृत स्वरूप के कारण देश का खुदरा एवं थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिनमें खास तौर पर मोबाइल एवं मोबाइल अक्सेसरीज , किराना, मसाले, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, गिफ्ट का सामान, रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर, चश्मे, घड़ियाँ, दवाइयां तथा फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां एवं ड्राई फ्रूट्स, खाने पीने का सामान, किचन इक्विपमेंट्स,बिल्डर्स हार्डवेयर, ऑफिस इक्विपमेंट्स, स्टेशनरी, कागज, इलेक्ट्रिकल का सामान आदि प्रमुख हैं। उन्होंने यह भी कहा की यदि यही स्थिति जारी रही तो यह कंपनियां अपनी मनमानी करते हुए बाकी बचे सभी व्यापारों को अपने कब्जे में ले लेंगी।

श्री पारवानी ने कहा की अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसे विदेश कंपनियों ने देश के ई कॉमर्स व्यापार को बुरी तरह से विषाक्त कर दिया है और पिछले अनेक वर्षों से खुले आम सरकार की नीति, नियमों एवं कानून का उल्लंघन करते हुए न केवल ई कॉमर्स व्यापार बल्कि रिटेल व्यापार में अस्थिरता बनाये हुए हैं। इन कंपनियों को यह लगता है की भारत के कानून बेहद कमजोर हैं और यदि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी होती है तो देश के नामी वकीलों को मोटी फीस देकर न्याय व्यवस्था में कानूनी दांव पेंच करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को बेहद लम्बा कर देंगे। कैट ने पियूष गोयल से यह भी आग्रह किया है की देश के ई कॉमर्स व्यापार की देख -रेख करने तथा उल्लंघन करने पर कार्रवाई के अधिकारों के साहित्य ट्राई एवं सेबी की तरह एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन भी किया जाए ।


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