कृषि वैज्ञानिकों ने दी किसानों को सामयिक सलाह

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बेमेतरा :कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए गेहूँ एवं चने फसल की कटाई का कार्य एक-दो दिनों तक नही करें। किसान को सलाह दी गई है कि ग्रीष्म कालीन धान की फसल में तना छेदक कीट के प्रकोप से फसल को बचाने हेतु प्रारम्भिक नियंत्रण के लिए प्रकाश प्रपंच अथवा फिरोमेन ट्रेप का उपयोग करें।

     रासायनिक कीट नियंत्रण फरटेरा (रायनेक्सीपार) दस किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या करटाप बीस किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें। अभी मक्का की फसल में तना छेदक का प्रकोप बढ़ सकता है। अतः इसकी सतत निगरानी करते रहे। किसान को सलाह दी जाती हैं कि आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए फसलों में थ्रिप्स कीट की उपस्थिति की जाँच करें। मैदानी भागो के जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की बौछारे पड़ने की संभावना को देखते हुए पकी हुई दलहनी एवं तिलहनी फसलों की कटाई का कार्य भी अभी नही करंे।

        इसी तरह से सब्जी एवं फलों की फसलों के लिए सलाह दी गई है कि बेल वाली फसलों की मचानध्सहारे को ठीक करें तथा कुंदरू एवं परवल में उर्वरक देवें। बेर की किस्म के उन्नयन के लिए मातृवृक्ष में कलिका की तैयारी करें। फरवरी में बुवाई की गई फसले जैसे भिन्डी, बरबटी, ग्वारफली इत्यादि में गुडाई कर सिंचाई करें। केला एवं पपीता के पौध में सप्ताह में एक बार पानी अवश्य देवें तथा टपक सिंचाई में सिंचाई समय बढ़ाए।


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