प्रदेश में कुपोषण के बढ़ते मामलें चिंताजनक : कौशिक

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रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस सुपोषण अभियान को अपनी महत्वाकांक्षी योजना बता रहे हैं वह योजना अब फिसड्डी साबित हो रही है। प्रदेश के कई जिलों में कुपोषण के बढ़ते मामलों ने साबित कर दिया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसी भी जनहितों के अभियान को लेकर संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि सुपोषण अभियान के नाम पर खनिज न्यास निधि से अब तक 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। केन्द्र व राज्य सरकार के माध्यम से 15 अरब से अधिक राशि खर्च किए जाने का अनुमान है। इसके बाद भी बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, जांजगीर-चांपा जिलों में मार्च 2019 की अपेक्षा मार्च 2020 की स्थिति में कुपोषण के मामलों में वृध्दि हुई है। उसी तरह से मार्च 2020 की अपेक्षा जनवरी 2021 की स्थिति में बेमेतरा, गरियाबंद, कांकेर, कोरिया, सुकमा जिलों में कुपोषण के मामलों में वृध्दि हुई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही राशियों का सही उपयोग नहीं हो रहा है और प्रदेश की कांग्रेस सरकार केवल कागजों में योजना चलाकर वाहवाही लूटने में लगी हुई है। यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस योजना का चर्चा ही नहीं करते हैं।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कुपोषण की स्थिति को लेकर प्रदेश सरकार ने सदन में स्वीकारा है कि कुपोषण के मामले कुछ जिले में बढ़ें हैं। इन सबके बाद भी प्रदेश सरकार बच्चों को सुपोषित करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुपोषण के खिलाफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने “बस्तर मंथन” भी किया था। इसके बाद भी जो नतीजे आ रहे हैं वह चिंताजनक है। राज्य सरकार ने इस बात का वादा किया था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जाएगा, लेकिन उनकी चिंता अब तक नहीं की गई। जिसके चलते अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंदोलन करने के लिए मजबूर है।


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