भारत? मिजोरम के सीएम ने केंद्र से कहा - वे हमारे भाई - बहन, बदल दीजिए विदेश नीति

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म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद स्थिति काफी भयावह हो गई है। सेना के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में मरने वाले लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की संख्या 500 से अधिक हो गई है । इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने गुरुवार को कहा कि वे प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली भेज रहे हैं, ताकि केन्द्र सरकार म्यांमार को लेकर अपनी विदेश नीति में बदलाव करे और शरणार्थियों को वापस ना भेजे।

मिजोरम के मुख्यमंत्री का यह बयान केंद्र के उस निर्देश के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें सरकार ने कहा था कि म्यांमार में तख्तापटल के बाद वहीं से लोगों के घुसपैठ की संभावना को देखते हुए उसको रोकथाम के लिए कदम उठाए जाएं।

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा है कि भारत सरकार को म्यांमार के लोगों प्रति ज्यादा उदारवादी होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार अगर सैन्य शासन वाले देश से लोग हमारे यहां आते हैं तो उन्हें मानवता के आधार पर शरण और खाना देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि म्यांमार से आए लोग हमारे भाई-बहन हैं। उनमें से अधिकांश के साथ हमारे पारिवारिक संबंध हैं। मिजोरम में प्रवेश करने के बाद हमें, उन्हें मानवीय दृष्टिकोण से भोजन और आश्रय देना होगा।


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