छत्तीसगढ़ नक्सल हमला: माओवादियों ने अपने चार लोगों के मरने की बात मानी

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छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद माओवादियों ने दावा किया है कि उनके चार लोग इसमें मारे गए हैं। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि वे अपने एक साथी की लाश नहीं ले जा सके।

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने मंगलवार को कहा कि बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ मामले में सुरक्षा बलों से कोई चूक नहीं हुई है।

 उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों पर 700-750 प्रशिक्षित नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया जिसका कड़ा मुक़ाबला किया गया और जवाबी कार्रवाई में 28 से 30 नक्सली मारे गए हैं। उनके मुताबिक़ सुरक्षा बलों ने न केवल अपने हथियारों को सुरक्षित रखा बल्कि अपने घायल साथियों को घटनास्थल से निकालने में सफल रहे।

उन्होंने कहा, हमारा एक जवान अभी भी लापता है।अटकलें हैं कि वह नक्सलियों के क़ब्ज़े में है। फ़िलहाल हम इस खब़र की पड़ताल कर रहे हैं। हम इस जवान की खोज के लिए एक ऑपरेशन चलाने की योजना बना रहे हैं।इ

ससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि सुकमा और बीजापुर के जंगलों में हुई घटना महज़ एक मुठभेड़ नहीं थी। इसे एक युद्ध कहा जा सकता है जो चार घंटे तक चला था। उन्होंने कहा था,हमें जानकारी मिली है कि नक्सली चार ट्रैक्टरों में अपने मारे गए लोगों और घायलों को लेकर गए थे। सुरक्षा बलों ने उन्हें भारी नुक़सान पहुँचाया है।


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