बाहुबली मुख्तार को खौफ इतना आतंक की बादशाहत फीकी पड़ गई

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खौफ इतना कि उसके आगे जिंदगी भर इकट्ठी की हुई आतंक की बादशाहत फीकी पड़ गई। जिस अंसारी के नाम पर उत्तर प्रदेश पुलिस थर-थर कांपती थी,आज उसी पुलिस को अंसारी इन निगाहों से देख रहा था कि शायद कोई अपना मिल जाए लेकिन टीम चुनकर भेजी गई थी, अंसारी के आसपास के लोगों से इस टीम का दूर-दूर तक वास्ता नहीं था।

यह खौफ ही था कि कमर दर्द के इलाज के चलते दी गई दवाओं का असर भी कम पड़ गया और अंसारी की आंख सुबह चार बजे ही खुल गई। चार बजे के बाद अंसारी दोबारा नहीं सोया।उसकी आंख खुलने के साथ ही जेल में चहलकदमी शुरू हो गई। सुबह की लालिमा बढ़ती गई और अंसारी का चेहरा मुरझाता गया। जिस समय उसे एंबुलेंस में बैठाया गया चेहरा सफेद नजर आ रहा था। 

जेल के बाहर मौजूद पुलिस कर्मियों में यह चर्चा आम थी कि मुन्ना बजरंगी और विकास दुबे के साथ घटे घटनाक्रम से अंसारी का पूरा कुनबा पुलिस से डरा हुआ है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक रोपड़ में रहने वाले गुर्गों ने अंसारी की सुरक्षा को लेकर पूरे रूट प्लान की रेकी पहले ही कर ली थी। पंजाब की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए)ने भी ऐसे इनपुट मिलने की बात कही है। 

बांदा जेल में बाहुबली मुख्तार - आखिरकार...900 किमी का सफर तय करके जिला कारागार पहुंची यूपी पुलिस 

पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी के लेने गई यूपी पुलिस की टीम आखिरकार 900 किमी का सफर तय करके बुधवार तड़के 4:30 बजे बांदा जेल पहुंच गई। यहां मुख्तार को 15 नंबर की बैरक में रखा गया।


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