- Home
- टॉप न्यूज़
- अन्य
- कोरोना मरीज़ों के शवों को श्मशान पहुँचाने वाली महिला
कोरोना मरीज़ों के शवों को श्मशान पहुँचाने वाली महिला
लखनऊ की 38 साल की अपराजिता मेहरा के पति सात दिन तक कोरोना से जूझने के बाद चल बसे। अपराजिता के परिवार के सभी पुरुष सदस्य कोरोना संक्रमित थे और घर में वह, उनकी सास और नौ साल का बेटा ख़ुद को असहाय महसूस कर रहे थे।
ऐसे मुश्किल वक़्त में अपराजिता ने लखनऊ में मुफ़्त शव वाहन सेवा "एक कोशिश ऐसी भी" शुरू करने वाली वर्षा वर्मा को फ़ोन लगाकर मदद की गुहार लगाई।वर्षा और उनकी टीम तुरंत हाज़िर हुई और अपराजिता के पति का शव श्मशान घाट ले गए।
अपराजिता अकेले अपने पति का दाह संस्कार करने पहुँची. लेकिन वर्षा वर्मा ने उन्हें अकेला महसूस नहीं होने दिया।
अपराजिता अभी भी सदमे से उबर नहीं सकी हैं, लेकिन उन्होंने बताया, "वर्षा मेरे साथ थीं,वो मेरे साथ खड़ी रहीं,चाहे वो मुझे सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए पकड़कर खड़ी रहीं हों,लेकिन उस पल के लिए मुझे उन्होंने अकेला महसूस नहीं होने दिया।शहर में मेरे कई दोस्त हैं, रिश्तेदार हैं, लेकिन उस वक़्त मैं अउकेली अपने पति की चिता के सामने खड़ी थी। मैं ज़िन्दगी में कभी भी इन पलों को भूल नहीं पाऊंगी।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS