- Home
- टॉप न्यूज़
- किसानो, आदिवासियों एवं सहकारी समितियों के प्रति संवेदनशील बने छत्तीसगढ़ सरकार : शशिकांत द्विवेदी
किसानो, आदिवासियों एवं सहकारी समितियों के प्रति संवेदनशील बने छत्तीसगढ़ सरकार : शशिकांत द्विवेदी
छत्तीसगढ़ : भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने प्रदेश के कांग्रेस सरकार से किसानों एवं आदिवादियों का हक़ दिलाने तथा सरकार के धान खरीदी के कारण समितियों के नुकसान की भरपाई एवं जल्द से जल्द धान उठाव की मांग की।
उन्होंने माँग की पिछले वर्ष खरीदे गए धान के अंतर की राशि में 105 करोड़ रुपए काँटामारी करके किसानों को भुगतान किया गया है, वैसा इस वर्ष नहीं होना चाहिए।
बल्कि इस खरीफ वर्ष 2020 & 21 में 92 लाख 807 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है, जिसका कांग्रेस सरकार ने रू 2500 प्रति क्विंटल धान खरीदी करने का वादा किया था जिसके अनुसार अंतर की राशि लगभग 5764 करोड़ 39 लाख 28 हजार रुपए होती है। मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि उनके द्वारा संवेदनशीलता का परिचय देते हुए किसानों को वादे के अनुरूप इस धान खरीदी की अंतर राशि को एक मुस्त किसानों के खाते में तत्काल डालने की व्यवस्था करनी चाहिए। कोरोना जैसी भयावह महामारी के समय पर, किसानों को यह एकमुश्त राशि डूबते को तिनके का सहारा प्रतीत हो सके। तभी किसानों को सही न्याय मिलेगा।
श्री द्विवेदी ने शासन का ध्यान आकृष्ट कराया की भाजपा शासन काल में समितीयों के कर्मचारियों को एवं समितियों को धान खरीदी में प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था, जिसे गत वर्ष से नहीं दिया जा रहा है। अतः यह भी मांग की कि सोसाइटियों को प्रोत्साहन राशि दिलाई जाए।
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री द्विवेदी ने, ग्रामीण सहकारी समितियों के उपार्जन केंद्रों में, खुले में अभी तक पड़े हुए धान पर भी चिंता व्यक्त की और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया कि धान खरीदी प्रारंभ हुए 5 माह बीतने जा रहे हैं किंतु उपार्जन केंद्रों में अभी भी लगभग 21 लाख मैट्रिक टन धान पड़ा हुआ है। जिसके निराकरण की कोई भी प्लानिंग सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। इस प्रकार धान का समयावधि में उठाव ना होने के कारण जहाँ एक ओर प्राकृतिक रूप से सुखत के कारण शॉर्टेज आ रहा है वहीं चूहे, दीमक,भालू, वर्षा, आंधी और तूफान से भी धान की बोरिया कट फट जाने के कारण भारी मात्रा में धान का नुक़सान हो रहा है। जिसमें शार्टेज का प्रावधान सरकार को करना ही चाहिए।
श्री द्विवेदी ने तर्क देते हुए बताया धान खरीदी के समय पर माश्चर (नमी) शासन द्वारा 17% तक मान्य है। उसी को आधार मानकर धान की खरीदी की गई है। किंतु उठाव में विलंब होने के कारण वर्तमान में डिलीवरी के समय में नमी 8:30 से 9:00 पर्सेंट तक आ रही है । इस प्रकार प्राकृतिक रूप से सुखत के कारण नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अतः शासन को उपार्जन केंद्रों में पड़े हुए धान में आ रहे सुखत की भरपाई के लिए प्रावधान करना चाहिए। शार्टेज की राशि की भरपाई को कमीशन की राशि से काटा जाना न्याय संगत नहीं होगा।
श्री द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश के सभी संग्रहण केंद्र लगभग खाली पड़े हैं। वहाँ उपार्जन केंद्रों से धान का अविलंब परिवहन करा कर संग्रहण केंद्रों में भंडारण कराये जाने की व्यवस्था भी की जावे। उपार्जन केन्द्रों को संग्रहण केंद्र बना देना, यह राज्य सरकार की मानसिक दिवालियापन का प्रस्तुतीकरण है।
संग्रहण केंद्रों में भंडारित धान पर 1% सुखत देने का प्रावधान है, किंतु उपार्जन केंद्रों को किसी भी प्रकार के शार्टेज की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं है। श्री द्विवेदी ने उपार्जन केन्द्रों में रखे हुए धान में आ रहे शार्टेज की भी भरपाई करने के प्रावधान की मांग की है। ऐसा ना करने से समितियों की आर्थिक स्थिति शनै शनै खराब हो जाएगी या समितियां मृतप्राय हो जाएंगी।
द्विवेदी जी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लघु वनोपज के शासकीय खरीदी पर भी प्रश्न उठाया, जिसमे इमली पर तय 1.5 लाख क्विंटल की पूरी खरीदी नही की गई और मात्र 40 हज़ार क्विंटल खरीदी के बाद बंद कर दिया गया। वनोपज विक्रेताओं को 46 करोड़ का भुगतान होना था, वहाँ सिर्फ 14 करोड़ का भुगतान दिया गया । इस कारण वनांचल क्षेत्र के गरीब आदिवासी लोगो को काफी हानि उठाना पड़ रहा है। जहाँ इमली का समर्थन मूल्य 69 रु है, वहीं उन्हें अन्य राज्य के व्यापारियों को औने पौने भाव में संग्रहित वनोपज बेचना पड़ रहा है। ये एक गंभीर विषय है और सरकार गलती को सुधार करे ।
भाजपा छत्तीसगढ़ सहकारिता प्रकोष्ठ ने शासन से आग्रह एवं आगाह भी किया है कि समितियों को नेस्तनाबूंद करने का षड्यंत्र ना करें, अन्यथा सभी समितियों के बोर्ड के सदस्यों, किसानों एवं वनोपज संग्रहकर्ताओं के साथ उक्त मुद्दे को लेकर भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ, छत्तीसगढ़ भरपूर विरोध किया।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS