सुप्रीमकोर्ट ने सरकार को दी कड़ी हिदायत, कहा सोशल मीडिया में बेड, ऑक्सीजन की शिकायत करने वालों पर नहीं होगी कोई कार्रवाई

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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सख्त हिदायत देते हुए कहा सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, बेड या दवाओं की कमी के संबंध में डाले गये पोस्ट के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई ना करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि अगर कोई नागरिक सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराता है, तो इसे गलत नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्रवाई की जाती है, तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोरोना की स्थिति, ऑक्सीजन की आपूर्ति और आवश्यक दवाइयों के मसले पर स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई शुरु की है। इसी दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को ये चेतावनी दी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश  स्थिति बेहद खराब है | छात्रावास, मंदिर, गिरिजाघर और अन्य स्थानों को कोरोना मरीजों के लिए देखभाल केंद्र बनाने के लिए खोल दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से पूछा कि टैंकरों और सिलेंडरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं ? कोर्ट ने पूछा कि आखिर ऑक्सीजन की आपूर्ति कब तक होगी?

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से पूछा कि जिन लोगों के पास इंटरनेट तक पहुंच नहीं है या जो निरक्षर हैं, वे वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करेंगे? क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास कोई योजना है. वहीं, वैक्सीनेशन को लेकर कोर्ट ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाना चाहिए, क्योंकि गरीब टीके का मूल्य चुकाने में सक्षम नहीं होंगे.


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