अब आएगा आईपीएल का मज़ा

लेखक: संजय दुबे

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कल रात सपने में दादा,भगवान और मि दीवार तीनो सपने में आ गए बिना बुलाये, सपना तो कुछ और देखना चाहता था लेकिन सपने मनमौजी होते है, वे आपके नही अपने मन से आते है। टुकड़े टुकड़े किश्तों की जुड़ी हुई श्रंखला होती है। कल भी जो सपना आया वो भी गजब का ही था। शायद आईपीएल  में कोरोना के शानदार यॉर्कर से दादा की बीसीसीआई साफ बोल्ड हो चुकी थी लेकिन हसरत है तो है, कसक रह गयी प्लेऑफ नही हो पाया, सेमीफाइनल फाइनल नही हो पाया। उधर सटोरियों का कलेजा बैठा जा रहा है। कहाँ से एयर बबल को पछाड़ कर आईपीएल को कोरोना ने रनआउट कर दिया। अब दादा ही दूसरा फेकने वाले है और तीसरे एम्पायर भी है सो मैदान बदलने का काम हाथ मे ले लिए है।  पूरी दुनियां में केवल 12 देश ही इस घण्टो के खेल को खेलते है उनमें भारत को नशा है क्रिकेट का दो प्रकार से पहले तो खेलने वाले है,दूसरा खिलाने वाले है जिन्हें हम प्यार से बुकी कहते है, एक का चार ,दो का बारह , बिना मेहनत के शेख चिल्ली बनने वाले देश मे 45 हज़ार करोड़ का अनुमानित सट्टा लगता है दुनियां भर से। ये ईमानदार सटोरिये है इनको बीसीसीआई के लोग भी मिल जाते है एक अध्यक्ष का दामाद क्या नाम था? शायद मयप्पन?  खैर नाम मे क्या रखा है,माही की पत्नी के साथ बैठने वाला दारासिंह का बेटा भी तो था। अब ये नही है लेकिन बदले नाम के साथ सटोरिये तो है। दबाव डाल रहे है  अंतरास्ट्रीय विंडो(जब कोई देश किसी के साथ क्रिकेट न खेला कर रहा हो)खोजो। भले ही चार मैच कराओ। जाओ द.अफ्रीका जाओ हमसे बड़े भुखमरे बैठे है,दुबई जाओ सटोरियों का स्वर्ग है। बीसीसीआई से आईसीसी से कहे कि कोरोना के कारण दिसम्बर में 15 दिन कोई देश क्रिकेट नही खेलेगा, सो लगे है। आईपीएल स्थगित हुआ रद्द नही सो उम्मीद पूरी है कि आज तो नही कल पक्का बचे खुचे मैच होंगे। अम्बानी,शाहरुख, प्रीति जिंटा, सीमेंट कंपनी सहित राजा महाराजाओं का पैसा लगा है। मजबूत घोड़ो पर पैसा खर्चा किये है। ये अगर नही खेले भी तो क्या नये खरीद लेंगे। भावना आहत नही होना चाहिए। दर्शको का क्या है मैदान के भीतर तो ज्यादा से ज्यादा मोंटेरा में 1लाख  आएंगे लेकिन जब कोरोना नंगा होकर सड़को पर लोगो के छीक खांसी से निकल कर नाच रहा है तो लोग घर खुसरो ही रहेंगे। वक़्त भी जालिम लोशन हो गया है कटने का नाम ही नही ले रहा है सो सब थैंक यू दादा कह रहे थे कि अचानक रायपुर के सचिन, निकलने  लगे। बस  फिर क्या था स्थगन,कोर्ट का नहीं बल्कि बीसीसीआई ने लगा दिया। विदेश वाले बोले जो भारत मे रहे सो निहाल अब खेलते रहो मैच,  विमान सेवा अलग बन्द सो अब गुस्ताखी हो ही गई है तो बैठे रहो चार्टेड प्लेन के आने तक। इधर दादा ने सचिन से संपर्क किया है देश मे कोई ऐसी जगह है तो बताओ जहां  कोरोना न हो  । सचिन आम खा कर गए है पेड़  गिन के नही सो रायपुर का नाम ले दिए है। कारण भी बताए है कि 100 में 4 को ही हुआ है पोसिटिव सो 95%  नही होगा। अब बीसीसीआई को उम्मीद जाग गयी है। 40 हज़ार की भीड़ भी होगी,सटोरिये भी आ ही जायेंगे,राज्य के विकास में अर्थ भी दे जाएंगे और खेल भावना भी मजबूत होगी।
 


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