बाईपेप मशीनें रायगढ़ पहुंची, वेंटीलेटर के समान गंभीर मरीजों में ऑक्सीजन आपूर्ति का करती है काम

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रायगढ़ : कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में संसाधनों की व्यवस्था का कार्य लगातार किया जा रहा है। ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही जरूरी मशीनरी की व्यवस्था लगातार की जा रही है। इसी क्रम में 50 बाईपेप मशीनें हैदराबाद से पहुंची हैं। इसके लिये कलेक्टर भीम सिंह लगातार प्रयासरत थे। उन्होंने बताया कि इन मशीनों को रायगढ़ में मेडिकल कालेज एमसीएच एवं केआईटी के साथ खरसिया, सारंगढ़, धरमजयगढ़, लैलूंगा विकासखंड में तैयार किये गए कोविड केयर सेंटर में दिया जाएगा। जिससे कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज में आसानी हो। यह एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग वेंटिलेटर के समान ही उन मरीजों के लिए किया जाता है जिनके फेफड़े पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नही खींच पा रहे हैं। इन मशीनों के आने से कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार से जुड़ी सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी।

कैसे करती है यह मशीन काम

बाईपैप का काम वेंटिलेटर की तरह ही होता है। दरअसल, जो मरीज खुद से ऑक्सीजन अपने अंदर नहीं ले पाते, इतने कमजोर हो जाते हैं कि सांस नहीं खींच पाते या संक्रमण इतना गहरा होता है कि फेफड़ा सही ढंग से काम नहीं करता तो इसमें बाईपैप मशीन मदद करती है। यह मशीन ज्यादा प्रेशर के साथ ऑक्सीजन को फेफड़े के अंदर धकेलती है जिससे मरीज सांस न भी ले पाए तो उसे बराबर ऑक्सीजन मिलती रहती है। यह मशीन सांस नली को फैला कर रखती है जिससे फेफड़े पर कम दबाव पड़ता है और मरीज राहत महसूस करता है। मशीन मरीज के सांस लेने के रिदम को मैनेज करती है। जिससे मरीज को जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन मिलता रहता। गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में बाईपेप मशीन बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है।

मशीन में होती है दो तरह की सेटिंग

इस मशीन को बाईलेवल इसलिए कहते हैं क्योंकि यह दो एयर प्रेशर सेटिंग पर काम करती है। जब मरीज सांस लेता है तो बाईपैप मशीन हवा का ज्यादा दबाव बनाती है। इसे मेडिकल के टर्म में इंसपिरेटरी पॉजिटिव एयरवे प्रेशर या IPAP कहते हैं। इस प्रक्रिया के तहत फेफड़े में ऑक्सीजन तेजी से और आसानी से प्रवेश करती है। दूसरी सेटिंग में जब मरीज सांस छोड़ता है तो यह मशीन एयर प्रेशर को कम कर देती है। इसे मेडिकल के टर्म में एक्सपिरेटरी पॉजिटिव एयरवे प्रेशर या EPAP कहते हैं।


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