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लक्षण छुपाने व जानकारी के अभाव से बढ़ा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण
धमतरी : कोविड-19 वायरस के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के नियंत्रण एवं सघन टीकाकरण पर विशेष तौर पर बल देने के उद्देश्य से कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज शाम जिले के चारों विकासखण्ड की 26 ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिवों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के प्रसार के कारणों पर सविस्तार जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने सरपंच-सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के फैलाव का सबसे बड़ा कारण जानकारी का अभाव है। कोरोना के लक्षण दृष्टिगोचर होने पर भी लोगों ने टेस्ट कराने के बजाय इसे छुपाकर अथवा हल्के में लेकर नीम-हकीम से अपना इलाज कराते रहे, वह भी बिना सतर्कता या सावधानी बरते। उन्होंने कहा कि हमारी चुनौती कोविड-19 से कम, लोगों की अज्ञानता से अधिक है।
आज शाम पांच बजे एनआईसी कक्ष में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वैक्सिन के पहले डोज से अधिक जरूरी दूसरा डोज है जो कि बूस्टर डोज होता है, इसलिए इसे लगवाने के बाद भी हमारे शरीर में सुरक्षा-चक्र तैयार होता है। उन्होंने कोरोना वायरस के जीवन चक्र के बारे में स्पष्ट करते हुए बताया कि संक्रमण के पहले से तीसरे दिन हल्का बुखार, हल्का सिरदर्द, सर्दी, गले में खराश आना जैसे लक्षण परिलक्षित होते हैं। यदि इसी बीच सही समय पर सही दवा ले लें तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर दवाइयां नहीं ली गईं तो चैथे से 10वें दिन के बीच वायरस अपनी संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि करके गले की श्वास नली से होते हुए सीधे फेफड़ों में धावा बोलता है, जिसका दुष्परिणाम शरीर में आॅक्सीजन की कमी सहित विभिन्न अंगों पर पड़ता है। वायरस 11वें दिन स्वतः समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि मितानिन किट की दवाइयों से कोरोना के संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। टीकाकरण के संबंध में कलेक्टर ने बताया कि टीका कभी भी नुकसान नहीं कर सकता। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि जिस तरह बच्चों को साधारण टीका लगाए जाने पर बुखार आता है, ठीक वैसे ही टीका लगवाने वाले को बुखार, सिरदर्द, हाथ-पैर में दर्द, कमजोरी जैसे लक्षण आ सकते हैं जो टीके के सकारात्मक प्रभाव के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि पहला टीका लगवाने के बाद उपरोक्त लक्षण आने के चलते कतिपय लोगों में अज्ञानतावश नकारात्मक सोच बन रही है, उसे ही सकारात्मक बनाना हमारा लक्ष्य है। अगले एक सप्ताह में ऐसे लोगों के टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा, जिन्होंने पहला डोज तो लगवा लिया, लेकिन दूसरा (बूस्टर) डोज नहीं लगवाया। कलेक्टर ने विभिन्न ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों के मन से नकारात्मक भ्रांतियां दूर करना ही बड़ी चुनौती है, जिस पर जमीनी स्तर के कर्मचारी व पंचायत प्रतिनिधि बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सही ढंग से मास्क लगाने, कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने पर भी जोर देते हुए वैवाहिक कार्यक्रमों को यथासंभव टालने या इसमें शामिल होने से बचने की भी अपील पंचायत प्रतिनिधियों से की। इस दौरानल कलेक्टर ने ग्राम पंचायत बगौद, भुसरेंगा, बिरझुली, चंदना तथा बेलरगांव के सरपंच-सचिवों से बातचीत कर लोगों को प्रेरित करने के बारे में स्थानीय स्तर पर बनाई गई कार्ययोजना के बारे में जानकारी ली।
जिला पंचायत के सी.ई.ओ. श्री मयंक चतुर्वेदी ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि टीकाकरण कोई वैकल्पिक नहीं, बल्कि अनिवार्य कार्य है। सीधे तौर पर कहें तो यह लोगों में मानसिक बदलाव लाने का कार्य है और इसीलिए लोगों की सोच बदलने में वे अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आने वाले सप्ताह में टीकाकरण कार्य मंे और अधिक तेजी आएगी।
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