78 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव, पत्नी को भी खोया, शरीर में केथेटर लगा हुआ..फिर भी वैक्सीनेशन सेंटर पहुँच लगवाया वैक्सीन

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रायगढ़ : कहते हैं हौसले भी किसी हकीम से कम नही होते, हर मुश्किलों में ताकत की दवा देते हैं और इस बात को सच कर दिखाया है, शहर के प्रसिद्ध सीनियर लॉयर इनकम टैक्स एन्ड जीएसटी मदन लाल सारस्वत ने। श्री सारस्वत जी 78 वर्ष की उम्र में, आज से करीब डेढ़ महीने पहले, कोरोना पॉजिटिव हुए। उसी दौरान कोरोना संक्रमण की विभीषिका में अपनी धर्मपत्नी को खोया। पूरा परिवार कोरोना संक्रमित था। पर उन विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी उम्मीदों का दामन नही छोड़ा, हौसला नही खोया। उनका जुनून और इच्छाशक्ति देखिए कि, वैक्सिन ही सुरक्षा कवच है और इस संकट का दीर्घकालिक उपाय है इस बात को लोग समझ सकें, लोगों में हौसला और उम्मीद बने रहे और वैक्सीनेशन के प्रति रुझान व जागरूकता भी, सिर्फ इसलिए 78 वर्ष की आयु में शरीर मे अभी भी केथेटर लगा हुआ है फिर भी वैक्सिनेशन सेंटर पहुँचकर वैक्सिन का पहला डोज लगवाया।

उनकी कहानी उनकी जुबानी

मुश्किलें और मुसीबतें तो जीवन का एक अहम हिस्सा है। बेशक संकट के समय सहज रह पाना मेरे लिए भी आसान नहीं था। पर मैं जानता था कि मुश्किल वक्त में ही मुझे और अधिक सबल, सतर्क व जिम्मेदार होना है। मैंने इस कठिन दौर में अपनी पत्नी को खोया था। पूरा परिवार संक्रमित था। लेकिन हम लोगों ने एक पल के लिए उम्मीदों और हौसलों का दामन नहीं छोड़ा। मैं जानता था, घर का मुखिया होने के नाते पूरे परिवार का आत्मबल बनाए रखने की महती जिम्मेदारी मुझ पर थी और इसमें मेरे दोनो बेटों विशाल और गुट्टू मेरी ताकत बनकर हर पल साथ रहे। बुरे वक्त में भी हौसला दिखाने का अवसर हर किसी के पास जरूर होता है। ऐसे समय हमारा हौसला ही हमारी मानसिक सबलता का प्रतीक बना। अपने हौसले और संकल्प शक्ति से हमने कठिन हालातों को भी घुटने टेक देने पर मजबूर कर दिया। मैं कोविड से रिकव्हर हो गया। अभी भी मुझे कैथेटर लगा हुआ है, लेकिन परिवार का एक जिम्मेदार मुखिया व शहर का एक जागरूक नागरिक होने के नाते यह भलीभांति जानता हूँ कि इस समय वैक्सिन ही एक सुरक्षा कवच और इस संकट का दीर्घकालिक इलाज है। लोगों को सिर्फ यही बात समझा सकूं और जागरूक कर सकूं। मैंने केथेटर लगे इस हालत में भी वेक्सिनेशन सेंटर पहुंच कर वैक्सिन लगवाया। लोगों से बस यही कहना चाहता हूं कि इस लड़ाई में हमें और अधिक सतर्क, सजग रखना है। वैक्सीन के दोनों डोज जरूर लगवानी है। क्योंकि वैक्सीन ही इस लड़ाई में हमारी जान बचाने में कारगर सुरक्षा कवच है। वैक्सीन लगाने के बाद यदि हम संक्रमित भी हो जाते हैं तो यह वैक्सीन हमें सीवियर कंडीशन की ओर नहीं जाने देगा। वैक्सीन कोरोना वायरस के संक्रमण से तो बचाएगा ही साथ ही हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को और मजबूती देगा। जब तक हमारा शरीर पूरी तरह से कोविड-19 से जीतने में सक्षम नहीं हो जाता तब तक पर्याप्त सुरक्षा रखना ही बेहतर है। पहले डोज के बाद भी मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम अपनाना बेहतर होगा। वैक्सीन ही हमारा प्रतिरक्षा तंत्र और मजबूत कर कोरोना पर हमारी जीत सुनिश्चित करेगा।


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