झारखण्‍ड में लगा अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन : सब्‍जी और दूध की खरीदारी के लिए भी लेना होगा ई-पास

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लॉकडाउन के दौरान झारखण्‍ड में दूध और सब्‍जी खरीदना भी आसान नहीं है। बिना ई-पास के आप वाहन से नहीं निकल सकते। इस मामले संभवत: देश में सबसे सख्‍त पाबंदी है। कोरोना के दौरान जीवन और जीविका पर जोर देने वाली हेमन्‍त सरकार ने लॉकडाउन से परहेज करती रही। इस शब्‍द से बचने के लिए '' स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा सप्‍ताह'' के नाम दिया। जब संक्रमण परवान पर था मुख्‍यमंत्री बेड, ऑक्‍सीजन आदि के इंतजाम में जुटे रहे। संक्रमण की रफ्तार थोड़ी कमने लगी तो पूर्ण लॉकडाउन वाले अंदाज में सरकार का आदेश आ गया।

16 मई से जरूरी सेवाओं को छोड़कर लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। यह पाबंदी 27 मई सुबह छह बजे तक जारी रहेगी। बाहर निकलना है तो ई-पास लेना होगा। सब्‍जी और दूध की खरीदारी करनी हो तो भी ई-पास के बिना बाइक या कार से नहीं निकल सकते। सुबह में दूध लेने निकले और शाम में सब्‍जी लेने निकलना हो तो दो बार पास बनवाना होगा। बिना पास के बाहर निकले तो पुलिस प्राथमिकी दर्ज करेगी। मीडिया कर्मियों को भी ई-पास बनवाना होगा, सिर्फ प्रेस कार्ड से काम नहीं चलेगा। एहतियातन लोगों ने आवेदन किया तो एक दिन में 1.20 लाख लोगों के ई-पास निर्गत हुए। मगर 16 मई की सुबह से लोगों को ई-पास बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सर्वर ठीक से काम नहीं कर रहा, सोशल मीडिया में इस तरह के संदेश वायरल हैं।

जारी आदेश के अनुसार ग्रॉसरी आदि आवश्‍यक साम्री की दुकानें, निर्माण उद्योग से संबंधित उपक्रम चालू रहेंगे। इससे जुड़े कर्मियों के आने जाने पर कोई रोक नहीं है। सरकारी कर्मियों, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों, दवा दुकानों के संचालक और उनके कर्मियों के लिए पास की दरकार नहीं होगी। दवा दुकानदान और उनके कर्मी दुकान के लाइसेंस की फोटो कॉपी अपने वाहन पर लगाकर बिना पास के निकल सकेंगे। अंतिम संस्‍कार के लिए भी ई-पास की जरूरत नहीं होगी। लेकिन बिना ई-पास सामान्‍य लोग बाइक या कार से निकले तो कोविड गाइडलाइन के उल्‍लंघन का मामला दर्ज किया जायेगा। मास्‍क नहीं रहा तो पांच सौ रुपये और पुलिस से उलझे तो सरकारी काम में हस्‍तक्षेप का मुकदमा। बाहर से आने वालों पर भी सख्‍त पाबंदी है। सात दिनों तक क्‍वारेंटाइन में रहना होगा।


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