भाजपा में मतभेद : बिहार चंपारण के भाजपा नेताओं में यूपी सरकार के फैसले से फैली बेचैनी और नाराजगी

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कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते फैली वैश्विक महामारी के दौरान गंगा नदी में बहते शवों पर उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पहले ही आमने-सामने आ चुके है। दोनों राज्य की सरकारों की ओर से एक दूसरे को दोषी बताते हुए सियासी हमले करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है।

अब एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के एक फैसले के विरोध में बिहार के बीजेपी के सियासी जमात में आवाज मुखर होने लगी है। चंपारण के भाजपा नेताओं और आम लोगों में यूपी सरकार के फैसले से बेचैनी और नाराजगी सामने आने लगी है। हालांकि, मामला कोरोना का नहीं, बल्कि नदी पर चैनल निर्माण से जुड़ा हुआ है।

 

दरअसल, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री विनय बिहारी के बाद राज्‍य के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चैनल का निर्माण कर नदी की मुख्य धारा को बदलने के विरोध में आवाज बुलंद की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जल संसाधन मंत्री संजय झा और विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर चैनल निर्माण कार्य बंद कराने का अनुरोध किया है।


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