बिहार की राजधानी के गांव बदहाल तो बाकी का क्या?

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बिहार की राजधानी पटना के दो गांव नेमा और पोथाही कोरोना से लड़ने के लिए अब तक तैयार नहीं हैं। यहां न तो कोरोना जांच की सहूलियत उपलब्ध है और न ही गांव वालों को टीकाकरण के बारे में कोई भी जानकारी है।गांव के लोगों का कहना है कि यहां लोगों की जुबां पर कोरोना का नाम तो है, लेकिन उससे निपटने-जूझने और बचने का तरीका बताने-समझाने का वाला कोई नहीं है। जब राजधानी पटना के गांवों नेमा और पोथाही का ऐसा हाल है तो बाकी जिलों के गांवों के हालात का अंदाजा खुद-ब-खुद लगाया जा सकता है।
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