रैपिड एंटीजन टेस्टिंग : क्या है 17 लाख जांच का सच?

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ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्र ने कहा है कि राज्य सरकारें अब ग्राउंड लेवल के स्टाफ को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की ट्रेनिंग दें, जिससे अंदरूनी इलाकों में अधिक से अधिक टेस्टिंग की जा सके। वहीं, आईसीएमआर ने दावा किया है कि वह देशभर में रोजाना 17 लाख से ज्यादा जांच कर रहा है। हालांकि,इसमें यह नहीं बताया गया है कि इन जांचों में आरटी- पीसीआर पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा है या एंटीजन रैपिड टेस्ट पर, गौरतलब है कि आईसीएमआर ने कोरोना की पहली लहर के दौरान 70 फीसदी सैंपल की जांच आरटी- पीसीआर से करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दूसरी लहर में एंटीजन टेस्ट बढ़ाने की गाइडलाइन जारी की गईं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन 17 लाख जांच में एंटीजन रैपिड टेस्ट से जुटाया डाटा ज्यादा हो सकता है।


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