कु-प्रबंधन के चलते खराब हो चुके गोबर को 6 रुपये किलो में किसानों को जबर्दस्ती बेचने का भूपेश केबिनेट का निर्णय अन्यायपूर्ण- विजय बघेल

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सांसद विजय बघेल ने भूपेश कैबिनेट द्वारा खराब हो चुके गोबर को 6 रुपये किलो में किसानों को जबर्दस्ती बेचने के निर्णय को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 44 टन गोबर खरीदा इसमें से केवल 1 लाख टन से ही वर्मी कंपोस्ट बनाया गया, बाकी 43 टन गोबर कु-प्रबंधन और अव्यवस्था के चलते खराब हो गया, जिसके नुकसान की भरपाई भूपेश सरकार गरीब किसानों से करना चाहती है, इसी कारण बचे हुए खराब गोबर को सामान्य गोबर खाद/ऑर्गेनिक मैन्योर के नाम से किसानों को जबरदस्ती बेचे जाने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि गांव में किसानों द्वारा तैयार घुरूवा खाद की कीमत प्रति ट्रॉली (3 टन) 18 सौ रुपये में आती है अर्थात घुरूवा खाद गांव में ही मात्र 60 पैसे किलो में तैयार हो जाती है ऐसे में राज्य सरकार 10 गुना कीमत पर 6 रुपये किलो के हिसाब से इस आधार पर किसानों को दबावपूर्वक खराब गोबर बेचना चाह रही है कि खराब गोबर खरीदने पर ही उन्हें रासायनिक खाद प्रदान किया जाएगा। 

सांसद विजय बघेल ने कहा कि भूपेश सरकार के मिसमैनेजमेंट के चलते 43 लाख टन गोबर खराब हो गया जिसे ऑर्गेनिक खाद के नाम पर महंगे दामों पर किसानों के बीच खपाने की तैयारी की जा रही है और गो धन न्याय योजना के मिसमैनेजमेंट से हुए नुकसान की भरपाई को किसानों से करने की योजना बनाई गई है। भूपेश सरकार का ये निर्णय पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और किसान विरोधी है। यदि किसानों को दबावपूर्ण तरीके से खराब गोबर खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है तो इसका जमकर विरोध किया जाएगा। 

सांसद विजय बघेल ने कहा कि यदि राज्य सरकार इस बिंदु पर सही है तो गो धन योजना अंतर्गत गोबर खरीदी से लेकर उसके अंतिम निष्पादन तक की संपूर्ण प्रक्रिया का श्वेत पत्र जारी करे।


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