सीएम बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 4 सेवा रथ एम्बुलेंस का किया वर्चुअल लोकार्पण

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव जिले में कोविड संक्रमण से प्रभावित मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 4 सेवा रथ एम्बुलेंस का आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल लोकार्पण किया। राजनांदगांव में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री भुनेश्वर बघेल ने हरी झण्डी दिखाकर एम्बुलेंस को रवाना किया। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा ये एम्बुलेंस राजनांदगांव जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु प्रदान की गई हैं। 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राजनांदगांव जिले के लोगों ने भी बहुत कठिनाईयों का सामना किया है, सभी के सहयोग से इस संक्रमण को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है। बहुत संतोष की बात है कि छत्तीसगढ़ में संक्रमण दर अब सिर्फ 8 प्रतिशत रह गई है।

राजनांदगांव जिले में तो यह केवल 3 प्रतिशत के आसपास आ गई है। पूरे प्रदेश में नए मरीजों की संख्या घट रही है और रिकव्हरी रेट में लगातार सुधार हो रहा है। यह बड़ी खुशी की बात है कि राजनांदगांव जिले में रिकव्हरी रेट 94 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुका है। हम लोगों ने बहुत कुछ गंवाने के बाद ये मुकाम हासिल किया है। कोरोना के कारण बहुत से लोग हम से हमेशा के लिए बिछड़ गए। कोरोना वायरस कितना खतरनाक हो सकता है इस बात का अहसास इस दूसरी लहर ने हमें अच्छी तरह से करा दिया है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने छत्तीसगढ़ में किये गए प्रयासों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को छत्तीसगढ़ इसलिए जल्दी काबू में कर पाया क्योंकि हम लोगों ने इसकी शुरूआत होते ही चाक-चौबंद व्यवस्थाएं कर दी है। दूसरे राज्यों की तरह हमारे यहां न तो, ऑक्सीजन को लेकर आपाधापी हुई और न ही जरूरी दवाईयों की किल्लत हुई।

हमने शीघ्रता के साथ अस्पतालों एवं कोविड सेंटरों में बिस्तरों का इंतजाम किया और बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी ऑनलाइन कर दी। टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर अमल करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश ने अधिक से अधिक संसाधनों का विकास थोड़े समय में ही कर लिया है। अधिक से अधिक संख्या में जांच हो सके, इसके लिए प्रदेश में लगातार नए वॉयरोलॉजी लैब स्थापित किए जा रहे हैं। एक समय हम केवल 20-30 हजार टेस्ट ही प्रतिदिन कर पाते थें। आज 70 हजार से ज्यादा टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं।


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