गुजरात: हाईकोर्ट ने कहा - ब्लैक फंगस पर राज्य सरकार की अधिसूचना अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण

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न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और भार्गव डी कारिया की पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण पर स्पष्ट बताना चाहिए कि सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों में कहां कितने मरीज हैं और उन्हें कितनी दवाएं दी गई

गुजरात में ब्लैक फंगस की भयावहता के मद्देनजर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने दवा के वितरण पर जारी को अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण बताया। कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सभी जिले की अपनी विशेषज्ञ कमेटी होनी चाहिए जो यह तय करे कि उन्हें कितनी दवा की आवश्यकता है। बता दें, ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मामले देश के कई राज्यों में सामने आए हैं, लेकिन गुजरात में इसके मरीज सबसे अधिक हैं।

 केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बुधवार को बताया कि ब्लैग फंगस के मरीज सबसे अधिक गुजरात में हैं। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और भार्गव डी कारिया की पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण पर स्पष्ट बताना चाहिए कि सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों में कहां कितने मरीज हैं और उन्हें कितनी दवाएं दी गईं।

 जनहित याचिका पर स्वत:संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा भी विशेषज्ञ कमेटी के गठन और किसके निर्णय पर मरीज को गंभीर मानते हुए दवा दी जाएगी, पर अधिक विवरण की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि 19 मई की अधिसूचना के मुताबिक सिर्फ 7 जिलों को ही शामिल किया गया है। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि केंद्र की ओर से मिली दवाओं को आखिर किस आधार पर सरकारी, निजी अस्पतालों और निगम के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दिया जाएगा।


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