बिहार : कोरोना काल में गैरमौजूदगी के बाद सांसद रविशंकर प्रसाद पहुंचे संसदीय क्षेत्र, हुई सवालों की बौछार

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राजधानी पटना कोरोना संक्रमण से उपजे भयावह हालात के बाद धीरे-धीरे बीमारी के प्रकोप से बाहर आ रहा है, नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं. इसी क्रम में बीते दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद भी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे. सांसद को देखते ही हाल-चाल से पहले सवालों की बौछार शुरू हो गई, तो उन्हें कोरोनाकाल में अपनी गैरमौजूदगी को लेकर सफाई देनी पड़ी.

शनिवार को पटना सिटी के गुरुगोविंद सिंह अस्पताल और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) का जायजा लेने पहुंचे बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान पटना न आने का कारण स्पष्ट किया. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बिहार में सबसे ज्यादा पटना के लोग संक्रमित हुए. महामारी की वजह से बिहार में सबसे ज्यादा पटना के लोगों की मौत हुई. इन परिस्थितियों में भी अपने सांसद के न होने से नाराज लोगों ने जब तीखे और चुभते सवाल किए, तो रविशंकर प्रसाद को जवाब देना पड़ा.

पटना साहिब न आने की मजबूरी बताई

रविशंकर प्रसाद ने अपनी मजबूरियां बताते हुए कहा कि प्रशासनिक अनुमति न मिलने और लॉकडाउन के कारण वे पटना नहीं आ सके. प्रसाद ने कहा, ‘लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि मैं पटना में नहीं था, मगर दिल्ली से रोज पटना के हालात की जानकारी लेता था. मेरी इच्छा थी कि मैं पटना आऊं, मगर लॉकडाउन के कारण आना उचित नहीं समझा.’ भाजपा सांसद ने कहा, ‘आज मैं जो पटना घूम रहा हूं उसके लिए भी प्रशासन से 4 घंटे की अनुमति प्राप्त की है. मैं डॉक्टर, ऑक्सीजन और स्वास्थ्य सामग्री की व्यवस्था कर रहा हूं. मैंने दिल्ली रह कर भी अपने क्षेत्र के लोगों के लिए टेलिफोनिक रूप से काफी कार्य किया है. रोज रात के 2 बजे तक टेलीफोन से पटना के लोगों का हाल-चाल लेता रहा हूं.’।

पटना साहिब के सांसद ने कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर कहा कि देश में लगभग 20 करोड़ लोगों का कोरोना टीकाकरण हो चुका है. इसमें लगभग पौने 2 करोड़ 18 से 45 वर्ष के बीच के लोग हैं. भारत सरकार की पूरी कोशिश है कि इस वर्ष के अंत तक सभी का टीकाकरण पूर्ण कर दिया जाए.


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