प्रशांत वैंदम: प्यार की तलाश में निकले लेकिन कैसे पहुंचे पाकिस्तान की जेल?

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हैदराबाद के सॉफ़्टवेयर इंजीनियर प्रशांत वैंदम का दावा है कि वो अपने प्यार की खोज में निकले तो स्विट्ज़रलैंड के लिए थे। लेकिन पहुँच गए पाकिस्तान की जेल में।

पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में चार साल बिताने के बाद 31 वर्षीय प्रशांत वैंदम को सोमवार को पाकिस्तान ने भारत वापस भेज दिया।

पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसने पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था और उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था. जासूसी का आरोप साबित नहीं हो सका और क़रीब चार साल बाद उन्हें पाकिस्तानी सरकार ने छोड़ने का फ़ैसला किया।

पाकिस्तानी सलवार कमीज़ और सिर पर टोपी पहने प्रशांत वैंदम को सोमवार को अटारी- वाघा सरहद पर भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी में पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ़ को सौंप दिया। 

प्रशांत वैंदम को लेने के लिए हैदराबाद से दो पुलिस अफ़सर भी आए हुए थे। क़रीब तीन घंटे की ब्रीफ़िंग के बाद प्रशांत वैंदम जब बाहर आए तो उनके चेहरे पर ख़ुशी के साथ असमंजस के भाव साफ़ नज़र आ रहे थे। 

भारत वापस पहुँचने पर प्रशांत वैंदम ने कहा, मेरी दोस्त का नाम स्वप्निका है जिसे मिलने के लिए मैं निकल पड़ा था लेकिन मेरा प्यार एकतरफ़ा था। राजस्थान के बॉर्डर से क्रॉस करने के बाद अगले दिन मैं पाकिस्तान के बहावलपुर एरिया में पकड़ा गया और चार साल जेल भुगत कर आज वापस आ रहा हूं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईटी इंजीनियर प्रशांत जब बेंगलुरु में कार्यरत थे तो उनको एक लड़की से प्यार हो गया था जो स्विट्ज़रलैंड चली गई थी। इस दौरान प्रशांत का भी ट्रांसफ़र बेंगलुरु से हैदराबाद हो गया था। प्रशांत स्विट्ज़रलैंड जाना चाहते थे,वीज़ा न मिलने के कारण वो पैदल ही निकल पड़े।

प्रशांत की योजना पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान और तुर्की के रास्ते स्विट्ज़रलैंड पहुँचने की थी।

प्रशांत को उस समय ना तो अपने परिवार की फ़िक्र थी और न ही नौकरी की।

2017 के अप्रैल में प्रशांत भारत और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा ग़ैर- क़ानूनी ढंग से पार तो कर गए लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाए और स्विटज़रलैंड की जगह पहुँच गए पाकिस्तान की एक जेल में।

प्रशांत के पिता बाबू राव ने मिडीया को बाताया कि उनका बेटा "साफ़ दिल इंसान है"

बाबू राव के अनुसार 2017 में उनके बेटे के लापता होने पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।

प्रशांत का दावा है कि उन्हें किसी लड़की से प्यार हो गया था और उसी कारण वो पाकिस्तान में फँस गए लेकिन उन्होंने इस पर ज़्यादा बात करने से ये कहते हुए इनकार किया कि ये उनका निजी मामला है।

प्रशांत ने कहा कि वह एक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, इस वजह से पाकिस्तानी सेना उन्हें भारतीय जासूस समझ रही थी लेकिन उनके पास ये साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था।

उनके मुताबिक,"पाकिस्तान जाने से पहले दूसरे धर्मों के बारे में मेरी अलग राय थी लेकिन वहां से आने के बाद मेरा नज़रिया बदल गया है। दोनों देशों के लोग अच्छे हैं लेकिन सरकारें अच्छी नहीं हैं।


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