मध्य प्रदेश में तीन हज़ार जूनियर डॉक्टरों ने किया इस्तीफ़े का एलान

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मध्य प्रदेश में तीन हज़ार जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया है। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, इसलिए उन्हें मजबूरन यह क़दम उठाना पड़ा है। 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और इसके साथ ही डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर काम पर लौटने का आदेश दिया है। 

वहीं, सरकार ने पांच मेडिकल कॉलेजों के 468 फ़ाइनल इयर के छात्रों को बर्ख़ास्त कर दिया। इन पांचों मेडिकल कॉलेजों का संबंध जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी से है। इसके बाद तीन हज़ार जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफ़ा देने का एलान कर दिया है।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स की मांगें न मानकर केवल आश्वासन दिया गया, इसलिए उन्होंने यह क़दम उठाया है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वो आंदोलन जारी रखेंगे। 

मेडिकल टीचर संघ ने भी जूडा को अपना समर्थन दिया है। जूनियर डॉक्टर्स 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 31 मई से हड़ताल पर है। उनका आरोप है कि सरकार ने पहले उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था लेकिन बाद में वो पीछे हट गई।


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