भूपेश सरकार जितनी तत्पर शराब बेचने में हैं उतनी अगर स्वास्थ्य को लेकर होती तो ना आती ये नौबत : कोमल हुपेंडी

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छत्तीसगढ़ के तीन मेडिकल कॉलेजों को केन्द्र के नेशनल मेडिकल काउंसिल का चेतावनी भरा खत प्राप्त हुआ है कि आपने कॉउंसिल के मानक मान्यता अनुसार जो न्यूनतम बेड संख्या होता है उसका भी प्रबंधन करने में असफल रहे हैं. साथ ही अपने तय समय में कॉउंसिल का बकाया जी यस टी ( GST )तक का भुगतान नहीं किये हैं अतः आपकी मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए. इस प्रकार प्रदेश की तीन मेडिकल कालेजों महासमुंद, कांकेर और कोरबा मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर एनएमसी के तलवार लटकने लगी हैं।

           इस घटना से प्रदेश की कांग्रेस नित भूपेश सरकार की स्वास्थ्य को लेकर इनके गंभीरता और संवेदनशीलता की पोल खुल गई है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य को लेकर कितनी संवेदनशील है जबकि कोरोना महामारी की दूसरा लहर अभी ठीक से समाप्त भी नहीं हुआ है और तीसरे लहर की भयावहता की बातें विशेषज्ञ कब से बतला रहे हैं।

आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी कहा कि अभी हमारी पहली प्राथमिकता हॉस्पिटल और उसकी चुस्त दुरुस्त व्यवस्था होनी चाहिए थी किन्तु प्रदेश सरकार की इस गैरजिम्मेदाराना रवैया से ही अनुमाम लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार आम जनता के स्वास्थ्य को लेकर कितनी सजग है. कोरोना महामारी को लेकर सरकार को मेडिकल कालेजों और हॉस्पिटलों में बेड की संख्या में इज़ाफ़ा करने की आवश्यकता थी व स्वास्थ्य सुविधाओं में कसावट लाने की आवश्यकता थी तब इनके प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण प्रदेश की तीन प्रमुख दूरस्थ क्षेत्रों की मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर ही खतरा मंडरा रही है. प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता की पराकाष्ठा ही कही जाएगी कि तीनों मेडिकल कॉलेजो की बकाया GST तक का भी समय पर भुगतान नहीं किया गया जिसके कारण ये नौबत आई। 

कोमल ने आगे कहा की जितनी तत्परता भूपेश बघेल ने शराब बेचने को दिखई है उसके आधी भी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर दिखई होती तो शायद आज प्रदेश की जनता को 3 अस्पताल और मिल सकते थे लेकि। अब ये साफ नहीं है कि इनकी मान्यता रहेगी या जाएगी । अपने घोषणा पत्र में बड़े बड़े वादे करने वाली कांग्रेस का दोहरा चरित्र आज जनता के सामने आ गया है । 

आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द इन तीनों अस्पतालों के मानक पूरे करें ताकि छत्तीसगढ़ की जनता को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था मिल सके ।


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