क्या ईरान के क़रीब आ रहे हैं सऊदी अरब और यूएई?

feature-top

ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते का हमेशा से विरोध करने वाले खाड़ी देशों के रुख़ मे बदलाव देखने को मिल रहा है, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी सुरक्षा के पहलू पर विचार करते हुए अब ईरान के साथ तनाव घटाने और भविष्य में संवाद बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। दरअसल, विएना में 2015 के उस परमाणु समझौते को बहाल करने की कोशिशें चल रही हैं, जिसके तहत ईरान से इस शर्त पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए गए थे कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर देगा

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर निकाल लिया था मगर अब जो बाइडन प्रशासन इस समझौते को बहाल करना चाहते हैं. खाड़ी में अमेरिका के सहयोगी देश हमेशा से कहते रहे हैं कि ये समझौता नाकाफ़ी है क्योंकि इससे ईरान के मिसाइल निर्यात और अप्रत्यक्ष रूप दूसरे देशों में मौजूद लड़ाकों का समर्थन करने जैसे कामों पर रोक नहीं लगती. लेकिन जिस तरह से इस समझौते मे शामिल बाक़ी देश अमेरिका और ईरान के बीच गतिरोध को दूर करने में जुटे हुए हैं, उसे देखते हुए खाड़ी के देशों ने अपने स्तर पर ईरान के साथ रिश्ते सुधारने में जुट गए हैं


feature-top