अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों की सांप्रदायिकता एक सी ख़तरनाक'

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मिडीया रिपोर्ट के अनुसार अपने पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ये स्वीकार किया कि इस समय भारतीय जनता पार्टी का कोई सशक्त राजनीतिक विकल्प नहीं है।

हालाँकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा किशोरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और इस समय देश में जो माहौल है, उसमें कांग्रेस एक विकल्प पेश कर सकती है। 

उन्होंने ये भी कहा कि चुनावों में मिली हार के कारणों की समीक्षा के लिए समितियों का गठन करना अच्छी बात है लेकिन इसका तब तक कोई असर नहीं होगा जब तक कि इन समितियों के सुझावों को लागू नहीं किया जाएगा। 

कपिल सिब्बल ने कहा कि असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ़) के साथ गठबंधन करने से पहले 'गहराई से विचार नहीं' किया गया था। 

कपिल सिब्बल की राय है कांग्रेस पार्टी यह समझा पाने में नाकाम रही है कि बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों की सांप्रदायिकता बराबर रूप से देश के लिए ख़तरनाक है। 


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