कांग्रेस के 'एकला चलो' के नारे से मुश्किल में है शिवसेना

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महाराष्ट्र में तीन दलों की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के बीच शुरू राजनीतिक द्वंद की असल वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका की सत्ता है जिसमें शिवसेना तीन दशक से सत्तासीन है। 

सूबे में कुल 27 महानगरपालिका है जिसमें से मुंबई और ठाणे सहित 15 महानगरपालिका के चुनाव अगले साल 2022 में होना है। अगर, निकाय चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरती है तो शिवसेना को भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा और वह चुनाव में ढेर हो जाएगी। 

कांग्रेस के एकला चलो के नारे से मुश्किल में है शिवसेना 

बीएमसी को एशिया की सबसे वैभवशाली महानगरपालिका कहा जाता है जिसका वार्षिक बजट 39000 करोड़ है। जबकि बीएमसी के पास 70 हजार करोड़ से अधिक राशि फिक्स डिपॉजिट है। बीएमसी में सत्ता की बदौलत शिवसेना मुंबई पर राज करती हैं। शिवसेना को डर है कि अगर कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और भाजपा ने रणनीतिक घेरेबंदी की तो शिवसेना की सत्ता डगमगा जाएगी।

अगले साल न केवल मुंबई बल्कि मुंबई महानगर क्षेत्र में ठाणे, उल्हासनगर महानगरपालिका के अलावा नासिक, पुणे,पिंपरी-चिंचवड़, सोलापुर, अकोला, अमरावती और नागपुर महानगरपालिका के चुनाव होने हैं। वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका और नवी मुंबई के अलावा औरंगाबाद एंव कोल्हापुर महानगरपालिका के भी चुनाव विलंबित रखे गए हैं।


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