कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाए ओपेक, कीमतें भी 'कम' करे- भारत की गुज़ारिश

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देश में पेट्रोल-डीज़ल की लगातार बढ़ती क़ीमतों के बीच भारत ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक से 'उचित बैंड में' कच्चे तेल की 'सस्ती क़ीमतों' की गुज़ारिश की है और कहा कि कच्चे तेल में उत्पादन में की जा रही कटौती को चरणबद्ध तरीके से ख़त्म किया जाना चाहिए। 

भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक वर्चुअल बैठक में ओपेक के महासचिव मोहम्मद सानुसी बारकिन्डो से बात की और तेल की क़ीमतों को लेकर चिंताओं को दोहराया।

पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि "मंत्री ने स्मार्ट इकोनॉमिक रिकवरी के दौरान कच्चे तेल की ऊंची क़ीमतों के असर के बारे में चिंता जताई और कहा कि कच्चे तेल की ऊंची दरों का सीधा असर मंहगाई पर होगा। 

"साथ ही उन्होंने उत्पादन में की जा रही कटौती को चरणबद्ध तरीक़े ख़त्म करने की बात की और कहा कि उपभोक्ता और उत्पादक दोनों के हित में यही है कि तेल की क़ीमतें उचित बैंड में हों. इससे कंज़प्शन बढ़ेगा और रिकवरी प्रक्रिया में मदद होगी 

। हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की बढ़ती क़ीमतों के बीच देश में भी पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं। अप्रैल 2019 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें 75 बैरल प्रति डॉलर हो गई हैं.

इस कारण देश में पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए, जहां पेट्रोल कई जगहों पर सौ रूपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर गया वहीं राजस्थान और ओडिशा में डीज़ल भी सौ के आंकड़े के ऊपर है.


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