ब्राज़ील में भारत की कोवैक्सीन के सौदे पर सवाल, घिरे राष्ट्रपति

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ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को आगाह किया था कि भारत में बनी कोवैक्सीन ख़रीदने का दबाव था।

रॉयटर्स से ये बात उस बैठक में शामिल हुए एक सांसद ने बताई है। एक सीनेट पैनल ब्राज़ील में कोविड महामारी से निपटने में सरकार कितनी कारगर रही, इसे लेकर जाँच कर रही है। इस पैनल ने लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट अधिकारी लुइस रिकार्डो मिरांडा को पूछताछ के लिए बुलाया था। सीनेट कमिटी और प्रॉसिक्युटर्स इस बात की जाँच कर रहे हैं कि सरकार क्यों भारत से महंगी वैक्सीन का सौदा चाहती थी और पिछले साल फ़ाइज़र की पेशकश को क्यों ठुकरा दिया था।

मिरांडा ने कमिटी के सामने कहा है कि उन पर राष्ट्रपति बोलसोनारो के क़रीबी सहयोगी पू्र्व स्वास्थ्य मंत्री एडवर्डो पाज़ुएलो के नज़दीकी एलेक्स लिआल मारिन्हो का दबाव था. पूछताछ के दस्तावेज़ों का रॉयटर्स ने देखा ह। 

मिरांडा का बयान सबसे पहले ओ ग्लोबो अख़बार में बुधवार को छपा था. इसमें कहा गया है कि मिरांडा 20 मार्च को अपनी चिंता के साथ राष्ट्रपति बोलसोनारो के पास गए थे। मिरांडा का कहना है कि उनके पास दस्तावेज़ भी थे।

मिरांडा ने कहा कि उनसे बोलसोनारो ने कहा था कि वे इस पर फेडरल पुलिस से बात करेंगे. मिरांडा के सांसद भाई लुइस मिरांडा ने इस बैठक की रॉयटर्स से पुष्टि की है।हालांकि अभी तक ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर कुछ नहीं कहा है। मिरांडा ने कहा है, 'यह लोगों के पैसे की बर्बादी की खुलेआम कोशिश है। हालांकि बुधवार को राष्ट्रपति बोलसोनारो के सचिव ओनिक्स लोरेंज़ोनी ने कहा कि ये आरोप फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों पर आधारित हैं।


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