चीन के ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले छात्र किस बात से डरते हैं

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चीन के ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले ऐसे छात्र जो लोकतंत्र समर्थक हैं। उन्हें डर लगता है कि अगर वो संवेदनशील मुद्दों पर बोलेंगे तो इस खामियाजा चीन में उनके परिजन को भुगतना होगा।

ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि ये छात्र क्लास में ख़ुद पर कई तरह की पाबंदियां लगाए रहते हैं। 

चीन से जुड़े पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले अध्यापक भी कहते हैं कि वो भी ख़ुद को सेंसर करने का दबाव महसूस करते हैं। ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि ये कथित दबाव ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों की पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी आज़ादी को ख़तरे में डाल रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के उच्च शिक्षा के संस्थान काफी हद तक चीन पर निर्भर रहने लगे हैं. कोविड-19 के पहले के दौर में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से करीब 40 फ़ीसदी चीन के छात्र होते थे।

ऑस्ट्रेलिया के विश्व विद्यालयों में अभी करीब एक लाख 60 हज़ार छात्र पंजीकृत हैं. ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालय कैंपसों में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की जाती है. ख़ासकर दोनों देशों के संबंधों में आई खटास के बाद से ये फिक्र बढ़ी है। 

ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि उसने ऑस्ट्रेलिया में करीब छात्रों और अध्यापकों से बात की और पाया कि उनके बीच ‘डर का माहौल है। हाल के सालों में ये स्थिति ख़राब हुई है। 


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