अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ का दावा, डेल्टा वेरिएंट पर भी असरदार है कोवैक्सीन

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भारतीय फ़ार्मा कंपनी ‘भारत बायोटेक’द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन, ‘कोवैक्सीन’को अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ (एनआईएच) ने कोरोना के एल्फ़ा और डेल्टा वेरिएंट के ख़िलाफ़ प्रभावशाली पाया है। एनआईएच ने कहा है कि दो अलग-अलग अध्ययनों से पता चलता है कि कोवैक्सीन से मिलीं एंटी-बॉडी सार्स-कोव-2 (कोविड-19) के एल्फ़ा और डेल्टा वेरिएंट के ख़िलाफ़ बढ़िया काम करती हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अमेरिका के इस टॉप हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ये भी कहा है कि कोवैक्सीन एक सुरक्षित वैक्सीन है। कोवैक्सीन, सार्स-कोव-2 वायरस के एक अक्षम रूप पर ही आधारित है, जो इस वायरस के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है। इसी बीच, टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्ण एला को केंद्र सरकार द्वारा ‘वाई-श्रेणी’की सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की गई है। 52 वर्षीय एला, हैदराबाद स्थित बायो-टेक्नोलॉजी कंपनी के संस्थापक भी हैं जो कोविड-19 के ख़िलाफ़ टीकाकरण के लिए भारत द्वारा मंज़ूर कोवैक्सीन टीके का उत्पादन कर रही है। साथ ही कंपनी दवा की खोज, दवा के विकास, विभिन्न अन्य टीकों, जैव-चिकित्सीय, फ़ार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों के निर्माण में भी लगी हुई है।
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