सुप्रीम कोर्ट के जज अशोक भूषण एक और ऐतिहासिक फैसला देकर हुए रिटायर

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सुप्रीम कोर्ट में चार साल तक सेवाएं देने के बाद सबसे विनम्र और मानवीय जज माने जाने वाले न्यायमूर्ति अशोक भूषण 04 जुलाई को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।शीर्ष अदालत में कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे न्यायमूर्ति भूषण जाते- जाते एक और ऐतिहासिक फैसला दे गए।बुधवार को उन्होंने कोविड- 19 के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया और सरकार का यह आग्रह खारिज कर दिया कि आर्थिक तंगी के कारण मुआवजा दिया जाना संभव नहीं है।

यूपी के जौनपुर निवासी न्यायमूर्ति भूषण ने सदी के सबसे जटिल अयोध्या भूमि विवाद में सक्रिय भूमिका निभाई और वकीलों से तीखे सवाल पूछे। इस दौरान उनके साथ कुछ वकीलों ने कटाक्ष के साथ व्यवहार किया लेकिन उन्होंने संयम से मुस्कुरा कर उनकी दलीलें सुनीं। अयोध्या फैसले के आखिर में एक एजेंडा (पूरक फैसला)आया था, इस पर किसी जज का नाम नहीं था, लेकिन जो सवाल न्यायमूर्ति भूषण सुनवाई दौरान पूछते थे, लगभग उन्हीं सवालों का जवाब उस एजेंडे में था, जिससे माना जाता कि यह न्यायमूर्ति भूषण ने ही लिखा था।


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