सऊदी अरब और यूएई में किस बात को लेकर बढ़ गई है तकरार

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वर्ष 2014 के बाद दुनिया भर में तेल की क़ीमतें एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर हैं। तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक प्लस के बीच उत्पादन बढ़ानेको लेकर सहमति न बन पाने की वजह से ऐसा हुआ है। अमेरिकी तेल की क़ीमतें तकरीबन 70 डॉलर प्रति बैरल की दर पर पहुँच गई. कोरोना महामारी के कारण पिछले साल ओपेक देशों ने तेल की आपूर्ति में कटौती की थी। हालाँकि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था उबर रही है और वैश्विक स्तर पर तेल की माँग में उछाल आया है। लेकिन इसके बावजूद सोमवार को ओपेक और उसके सहयोगी देशों के बीच पिछले साल तेल की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर हुई बातचीत नाकाम रही।
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