3 से 303 तक की यात्रा श्यामा प्रसाद जी की वजह से संभव : कौशिक

नेता प्रतिपक्ष कौशिक डाॅ. मुखर्जी जी के जयंती के मौके पर वर्चुअल संवाद में शामिल हुए

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नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जनसंघ के संस्थापक डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के 120वीं जयंती के अवसर पर सरगुजा जिले के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हमारे कुल पुरुष डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जो वैचारिक महायज्ञ की शुरुआत की है उसमें हम सब कार्यकर्ताओं की पूर्ण आहुति जरूरी है। हमने सदन में 3 की संख्या बल से अपनी यात्रा प्रांरभ किए थे जो आज वर्तमान में 303 की विशाल संख्या बल के साथ हम भारत की संसद में राष्ट्र की आवाज बन कर कार्य कर रहे है। बड़ी संख्या में हमारे विधायक, सांसद सहित कई निर्वाचित जन प्रतिनिधि व कार्यकर्ता राष्ट्र के विकास के लिए जुटे हुए हैं। इस पुनित कार्य का श्रेय डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी व पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारशीलता को जाता है। उन्होंने कहा कि एक विधान, एक निशान, एक प्रधान की नीति को इस देश के सामने सर्वप्रथम डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी ने ही प्रस्तुत किया था। वे शिक्षा के माध्यम से समाज में समग्रता की बात करते थे और उनकी उन्ही सोच को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से लागू किया है।

 

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि देश की आजादी के बाद कुछ विभाजनकारी शक्तियां बंगाल व पंजाब को देश से अलग करना चाहते थे। लेकिन डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की ही सोच थी जिसके कारण आज वर्तमान में यह देश का अटूट हिस्सा हमारे साथ है। जिसके कारण हम कई मायनों में शक्तिशाली है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के विलयीकरण के लिए डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी ने जो आंदोलन उस समय चलाया था यही कारण है कि कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाकर हमने उन्हें विनम्र श्रध्दांजलि दी है। जनसंघ की स्थापना से लेकर भाजपा के वर्तमान के विस्तार में उनके नीतियों पर हम काम कर रहे है। आत्मनिर्भर भारत उनके ही सपने का हिस्सा था जिसे हम सब पूरा करने में जुटे हुए है। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी मेजर अनिल सिंह ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का जीवन परिचय का वाचन किया। इस मौके पर भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए।


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