योगी आदित्यनाथ का ओवैसी को बड़ा नेता बताना, क्या मुसलमान वोट है निशाना?

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनकी पार्टी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुक़ाबले पेश कर रही है। बसपा की ओर से मायावती स्वाभाविक दावेदार हैं और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कह चुके हैं कि उनकी पार्टी प्रियंका गांधी की 'देखरेख' में चुनाव लड़ेगी।

लेकिन, योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए विपक्ष के जिस चेहरे की बात कर रहे हैं, वो इनमें से कोई नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने हाल में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी का "चैलेंज स्वीकार किया है। और एक ही झटके में ओवैसी को अपने मुक़ाबले खड़ा कर लिया है। 

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ओवैसी जी देश के बड़े नेता हैं और देश के अंदर प्रचार में जाते हैं। उनका अपना एक जनाधार है। अगर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चैलेंज किया है तो भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता उनका चैलेंज स्वीकार करता है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। (इसमें) कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ का ये बयान ओवैसी की चुनौती के जवाब में आया था। ओवैसी ने कहा था कि वो "योगी आदित्यनाथ को दोबारा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे।

उत्तर प्रदेश में अपने लिए राजनीतिक धरातल तलाश रही पार्टी एआईएमआईएम के मुखिया ओवैसी के बयान पर शायद ही किसी को हैरानी हुई होगी। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान ऐसे बयान देने से ही बनी है लेकिन, इस संभावित "टक्कर' को लेकर सवाल तब उठने शुरू हुए,जब योगी आदित्यानाथ ने ओवैसी को 'बड़ा नेता' बताया।


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