नए आईटी नियम न मानने पर एनबीए सदस्यों पर कार्रवाई न करे सरकार: केरल हाई कोर्ट

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केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि नए आईटी नियम न मानने पर समाचार प्रसारकों की संस्था न्यूज़ ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (एनबीए)के सदस्यों के ख़िलाफ़ किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।

जस्टिस पी बी सुरेश कुमार ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके एनबीए की याचिका पर सरकार का पक्ष माँगा है। 

एनबीए ने अपनी याचिका में ये दलीलें दी हैं -

नए आईटी रूल सरकार को मीडिया की अभिव्यक्ति की आज़ादी को "अतार्किक और अवैध" ढंग से प्रतिबंधित करने के लिए "अत्यधिक ताकत" देते हैं।

नए रूल आर्टिकल 14 और आर्टिकल 19 का उल्लंघन करते हैं 

कार्यपालिका ने इस तरह की संरचना बनाकर न्यायपालिका के क्षेत्र में प्रवेश के लिए रास्ता बना लिया है और खुद को वो ताक़तें दी हैं जो अब तक सिर्फ न्यायपालिका को मिली हुई थीं। 

एनबीए की ओर से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि "नए आईटी नियमों के मुताबिक़, मीडिया संस्थाओं और उनके संगठनों को एक सेल्फ-रेगुलेटरी संस्था का गठन करना होगा जिसके अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के संन्यास प्राप्त जज या कोई अहम शख़्सियत हो सकती है। 

लेकिन एक ज्वॉइंट सेक्रेटरी स्तर का व्यक्ति एक संन्यास प्राप्त जज के आदेश पर नज़र रखेगा। 

क्योंकि ज्वॉइंट सेक्रेटरी स्तर का व्यक्ति ही उस ओवरसाइट मैकेनिज़्म को देखेगा जो कि सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी पर नज़र रखेगी। 


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