- Home
- टॉप न्यूज़
- अन्य
- गृह मंत्रालय का राज्यों से आग्रह, ‘66A के तहत मामले न करें दर्ज
गृह मंत्रालय का राज्यों से आग्रह, ‘66A के तहत मामले न करें दर्ज

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया हैन कि वे रद्द की जा चुकी सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66ए के तहत मामले दर्ज न करें।इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगर केस दर्ज किए जा चुके हैं तो उन्हें तुरंत ही ख़त्म कर देना चाहिए।
पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया था कि छह साल पहले निरस्त हो चुके क़ानून के तहत अभी भी मामले कैसे दर्ज किए जा रहे हैं।
इस धारा के तहत इंटरनेट पर अपमानजनक संदेश पोस्ट करने वाले व्यक्ति को जुर्माने के साथ तीन साल तक की जेल की सज़ा दी जा सकती थी।
जस्टिस आरएफ़ नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ़ और जस्टिस बीआर गवई ने ग़ैर सरकारी संगठन पीपल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस सिलसिले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पीयूसीएल की तरफ़ से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट संजय पारिख से पूछा था। क्या आपको ये हैरत की बात नहीं लगती? श्रेया सिंघल जजमेंट साल 2015 का है। ये वाकई आश्चर्यजनक है जो कुछ चल रहा है, वो डराने वाला है।
इस पर संजय पारिख ने बताया था कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को स्पष्ट रूप से ये निर्देश दिया था कि पुलिसकर्मियों को 24 मार्च, 2015 को दिए गए श्रेया सिंघल जजमेंट के बारे में जानकारी दी जाए.
वहीं, केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि आईटी क़ानून को पढ़ते वक्त धारा 66ए वहां लिखी दिखाई देती है लेकिन फुटनोट (सबसे नीचे) ये जानकारी दी गई होती है कि ये प्रावधान ख़त्म कर दिया गया
वेणुगोपाल ने कहा, "जब एक पुलिस अधिकारी केस रजिस्टर करता है तो वो ये धारा देखता है और बिना फुटनोट को देखे वो केस रजिस्टर कर लेता है. हम ये कर सकते हैं कि सेक्शन के बगल में ही कोष्ठक में ये लिख दें कि ये प्रावधान ख़त्म कर दिया गया है."

About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS