अदालतों में 4.5 करोड़ लंबित मामलों के आंकड़ों पर जताई आपत्ति - सीजेआई रमण

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सीजेआई रमण ने अनुमानित आंकड़ों के आधार पर देश की अदालतों में 4.5 करोड़ लंबित मामले बताए जाने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा,इसे भारतीय न्यायपालिका की लंबित केसों से निपटने में असमर्थता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने इस अतिशयोक्ति और कठोर आकलन करार देते हुए कहा, लंबित शब्द का उपयोग उन सभी मामलों को बताने में किया जाता है, जिनका अभी तक निपटारा नहीं किया गया है।हालांकि, इसमें यह नहीं बताया जाता है कि इस मामले ने अदालती व्यवस्था में कितना वक्त बिताया। साथ ही अगर कोई मामला एक दिन पहले भी दायर किया गया तो उसे भी लंबित मामलों के आंकड़ों में जोड़ दिया जाता है। ऐसे में यह एक उपयोगी संकेतक नहीं है कि कोई व्यवस्था कितना अच्छा या खराब प्रदर्शन कर रहा है।
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