बीजेपी ख़ास समुदाय को निशाना बनाने के लिए उठा रही जनसंख्या का मुद्दा - शशि थरूर

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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाकर बीजेपी एक " विशेष समुदाय" को निशाना बनाना चाहती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ी इस बहस को पूरी तरह से ग़लत है और आधी सदी पुराना बताया। 

मिडिया को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि अगले 20 वर्षों में भारत के लिए बड़ी चुनौती बढ़ती आबादी नहीं बल्कि आबादी की बढ़ती उम्र के लिए तैयार होना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी इस मुद्दे को "ग़लत इरादे" से उठा रही है और एक "विशेष समुदाय" को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, "यह कोई संयोग नहीं है कि जिन तीन राज्यों में सरकार जनसंख्या कम करने की बात कर रही है, वे हैं उत्तर प्रदेश, असम और लक्षद्वीप, और हर कोई जानता है कि उनका निशाना कौन है। 

उत्तर प्रदेश और असम में जनसंख्या नियंत्रण पर ज़ोर देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमारी राजनीति के हिंदुत्व तत्व इस मुद्दे को समझ नहीं पाए हैं। उनका मकसद विशुद्ध रूप से राजनीतिक और सांप्रदायिक है,

थरूर की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के मसौदे को सार्वजनिक किए जाने और असम सरकार द्वारा इस संबंध में एक नीति तैयार करने के प्रस्ताव के कुछ दिनों बाद आई है। दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है।

यूपी ड्राफ्ट बिल में उन लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित करने का प्रावधान है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं और दो बच्चों की नीति वालों को दूसरे लाभ देने का प्रस्ताव है।

दोनों सदनों के सचिवालयों से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ बीजेपी सांसद मानसून सत्र में जनसंख्या अनियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर निजी सदस्यों के बिल पेश करने की तैयारी में हैं. मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा।


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