सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हो पेगासस कांड की जाँच: कपिल सिब्बल

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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को पेगासस जासूसी कांड की जाँच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की माँग की है।

इसका साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में श्वेत पत्र पेश करे जिसमें स्पष्ट रूप से बताया जाए कि इसरायली सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया गया या नहीं।

जैन हवाला कांड जैसी जाँच की जारूरत 

कपिल सिब्बल ने एक समय में भारत की राजनीति को हिलाकर रख देने वाले जैन हवाला कांड का नाम लेते हुए कहा कि "इस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए जैसे जैन हवाला कांड की हुई थी।

सिब्बल ने ये भी कहा कि इस मामले की जाँच कैमरे में होनी चाहिए जिससे सभी को सच पता चल सके।

श्वेत पत्र के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "सरकार को ये बताना चाहिए कि उन्होंने कभी भी पेगासस का इस्तेमाल नहीं किया है। लेकिन उन्होंने ये नहीं किया है। इससे एक बड़ी समस्या पैदा होती है कि अगर सरकार या उसकी एजेंसियों ने पेगासस का इस्तेमाल नहीं किया है तो फिर किसने किया है। स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ कहती है कि वह सरकारी एजेंसियों के सिवा किसी को ये सॉफ़्टवेयर नहीं बेचती है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को श्वेत पत्र में ये भी बताना चाहिए कि क्या उनकी किसी एजेंसी ने पेगासस को इस्तेमाल किया।

सिब्बल ने कहा, आप कहते हैं कि आप प्राइवेट डेटा प्रोटेक्शन लेकर आ रहे हैं लेकिन आप पेगासस की मदद से डेटा संग्रहित कर रहे हैं। ये राष्ट्रीय सुरक्षा को एक ख़तरा है क्योंकि डेटा एक ऐसी एजेंसी को लीक होता है जिसका भारत से कोई संबंध नहीं है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का नाम संभावित लक्ष्यों में शामिल होने की ओर संकेत करते हुए सिब्बल ने कहा, अगर सरकार या इसकी एजेंसियों ने किसी मंत्री के फोन में मालवेयर भेजकर फोन टैप किया है तो ये ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है।

‘देश नहीं सरकार बदनाम हो रही"

सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर लगे आरोपों को एक सिरे से नकार दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को इन आरोपों को भारतीय लोकतंत्र के ख़िलाफ़ एक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा था कि जासूसी के इन आरोपों का उद्देश्य दुनिया भर में भारत को अपमानित करना है।


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