किसी मुसलमान को CAA से नुक़सान नहीं होगा- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के मुसलमानों को नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए से कोई नुक़सान नहीं पहुँचेगा।

असम के दो दिन के दौरे पर गए भागवत ने बुधवार को गुवाहाटी में कहा,CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है। भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा।

भागवत ने गुवाहाटी में एक पुस्तक विमोचन समारोह में अपने भाषण में कहा कि कि नागरिकता क़ानून से पड़ोसी देशों में दमन का शिकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिल सकेगी।

उन्होंने पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए कहा, 1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुसलमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए,ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारत ने अल्पसंख्यकों का हमेशा ख़याल रखा है।

उन्होंने कहा, विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे, हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं। पाकिस्तान ने नहीं किया।

मोहन भागवत ने साथ ही कहा कि सीएए और नागरिकता रजिस्टर एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम से कोई लेना-देना नहीं है और इसे लेकर सांप्रदायिक कहानी कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए रची है।

नागरिकता रजिस्टर की चर्चा करते हुए भागवत ने कहा कि हर देश को ये जानने का अधिकार है कि उसके अपने नागरिक कौन हैं।

उन्होंने कहा, ये मामला राजनीतिक पाले में है क्योंकि इसमें सरकार संबद्ध है।कुछ लोग इससे राजनीतिक फ़ायदा उठाने के लिए इन दोनों मुद्दों को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं।

आरएसएस प्रमुख असम में इस वर्ष बीजेपी के सत्ता में दोबारा लौटने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा पर पहुँचे हैं।


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