अफग़ान राजदूत के वापस जाने से परेशान है पाकिस्तान

feature-top

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि वह राजदूत वापस बुलाने वाले फैसले की समीक्षा करे। 

क़ुरैशी ने भारत का नाम लिए बग़ैर कहा कि दुश्मन काबुल और इस्लामाबाद के बीच रिश्ते ख़राब करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। 

मुल्तान में ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद शाह महमूद क़ुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान एक कठिन दौर से गुज़र रहा था और ऐसे समय में पाकिस्तान से अपने राजदूत को वापस बुला लेना एक उचित फैसला नहीं रहा। 

अफ़ग़ानिस्तान ने अपने राजदूत नजीबुल्लाह अलिखिल की बेटी सिलसिला अलिखिल के इस्लामाबाद में कथित अपहरण के बाद राजदूत समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है। 

सिलसिला को कथित रूप से काफ़ी देर तक बंधक बनाकर रखा गया, इसके बाद उनके हाथों पर रस्सी के निशान और शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे।

लेकिन पाकिस्तान सरकार का दावा है कि सिलसिला अलिखिल का अपहरण नहीं हुआ था।

इस कथित अपहरण पर क़ुरैशी ने कहा है कि इस मामले में काफ़ी गहन जांच जारी है, 700 घंटों की वीडियो फुटेज़ की समीक्षा की गई है और 250 लोगों से पूछताछ की गई है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ भी छिपाकर नहीं रखा जाएगा लेकिन सच सामने लाने के लिए अफ़ग़ान राजदूत और उनकी बेटी का सहयोग बहुत अहम 

क़ुरैशी ने ये भी कहा कि दुनिया पाकिस्तान सरकार की में शांति कायम करने की कोशिशों को स्वीकार कर रही है. लेकिन भारत इसमें खलल डाल रहा है और क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचा सकता है।


feature-top