केंद्र के ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का रिकॉर्ड नहीं

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केंद्र सरकार ने दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत न होने का मामला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। सदन में कहा गया कि राज्यों से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन मरने वालों की संख्या केंद्र सरकार के अधीन देश के बड़े सरकारी चिकित्सीय संस्थानों के पास भी नहीं है। आरटीआई से पता चला कि इन अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी या फिर पर्याप्त बिस्तर न होने से साफ इनकार तक कर दिया। 

इन अस्पतालों में एम्स दिल्ली, एम्स भुवनेश्वर, एम्स भोपाल, एम्स रायपुर, एम्स पटना और एम्स जोधपुर भी शामिल हैं। इनके अलावा चंडीगढ़ पीजीआई, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और शिलांग स्थित पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय एवं आयुर्विज्ञान संस्थान भी हैं जो केंद्र सरकार के अधीन हैं और इनके यहां ऑक्सीजन की कमी या फिर बिस्तरों की संख्या कम पड़ने की वजह से किसी मरीज की मौत होने की जानकारी नहीं है।


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