महामारी के बीच ओलंपिक खेल

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मास्क, महामारी से जुड़े कुछ प्रतिबंध और कोविड की जाँच, इसके साथ ही ग़लती करने की कोई गुंजाइश नहीं। यानी इस बार का ओलंपिक पिछले किसी भी ओलंपिक से एकदम अलग है।

कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद टोक्यो शहर में इमरजेंसी लगाई गई है जो पूरे ओलंपिक के दौरान रहने वाली है।

इस बीच तमाम ऐसी रिपोर्टें आ चुकी हैं कि स्थानीय लोग खेलों के आयोजन के ख़िलाफ़ हैं। टोक्यो के अधिकांश लोगों की राय यह बताई गई कि वो खेलों को एक बार और टालना चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

ऐसे में खेलों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना ओलंपिक के आयोजकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इसीलिए सभी तरह की सावधानियाँ लेने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

खेलों का आयोजन बंद दरवाज़ों के पीछे और बिना फ़ैंस के होने वाला है।

खिलाड़ियों पर भी कई तरह के सख़्त प्रतिबंध हैं। उन्हें खाने, पीने, खेलने और ट्रेनिंग करने के अलावा हर वक़्त मास्क लगाये रखने की हिदायत दी गई है।

कोशिश की जा रही है कि खिलाड़ी एक दूसरे से कम से कम मिलें। इन सबके बावजूद ख़िलाड़ियों का हर रोज़ कोविड टेस्ट किया जा रहा है।

फिर भी कोरोना वायरस के 'ओलंपिक गेम्स विलेज' में पहुँचने की ख़बरें आयी हैं।अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

शुक्रवार को कोविड-19 के 19 नये मामले सामने आये, जिनके बाद खेलों से जुड़े लोगों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 106 हो गई।

अधिकारियों के मुताबिक़, टोक्यो में अब तक 11 खिलाड़ी कोविड पॉज़िटिव पाये गये हैं।


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