स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को मनाने की कवायद शुरू

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छत्तीसगढ़ विधानसभा से नाराज होकर निकले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने उन्हें फोन कर चर्चा के लिए विधानसभा वापस बुलाया। इसके बाद काफी देर तक मुख्यमंत्री कक्ष में मंत्रियों के बीच मंथन चलता रहा। करीब ढाई घंटे बाद सिंहदेव और संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे वहां से घर चले गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कुछ दूसरे मंत्री अभी भी विधानसभा में मौजूद हैं।बैठक में क्या नतीजा निकला, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

विधानसभा से निकलने के बाद 

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव अपने बंगले पर पहुंच गए थे।वहां उन्होंने किसी से भी मिलने से मना कर दिया। इसके बाद डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हुई। दो मंत्रियों ने सिंहदेव को फोन किया। बात बनती नहीं दिखी तो पीएल पुनिया ने भी मोर्चा संभाला। उन्होंने सिंहदेव को फोन किया और चर्चा के लिए वापस विधानसभा जाने को कहा। सिंहदेव वहां पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के कमरे में गए।फिर वहां से सभी मुख्यमंत्री के कक्ष में पहुंचे।

सिंहदेव बोले- मैं अपनी बात पर कायम 

बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, फैसला भविष्य के गर्भ में है।इस मामले में अब जो कहेंगे वह सीएम ही कहेंगे। कल सदन में आने को लेकर पूछे गए सवाल में सिंहदेव ने कहा,मैं अपनी बात पर कायम हूं, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

गृहमंत्री के वक्तव्य के बाद चले गए थे सिंहदेव 

कांग्रेस से रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों पर शून्य काल में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू वक्तव्य देने खड़े हुए। उन्होंने FIR की कॉपी पढ़कर सुना दी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का सब्र टूट गया। उन्होंने कहा, मैं भी इंसान हूं। मेरे बारे में और मेरे चरित्र के बारे में यहां सभी जानते हैं। मेरे माता-पिता के व्यवहार और चरित्र से सभी परिचित हैं। उसके बाद भी उन पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। शासन की ओर से जब तक उन पर लगे आरोपों के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता,उनका सदन में रहना उचित नहीं है।

क्या है यह पूरा विवाद 

दरअसल रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले की एक गाड़ी पर शनिवार रात को सरगुजा में पत्थर फेंके गए थे। गाड़ी के ड्राइवर और गार्ड से बदसलूकी हुई। आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के एक रिश्तेदार ने उनकी गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में ऐसा किया। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक थाने पहुंच गए। ड्राइवर की तहरीर पर FIR लिख ली गई। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। शाम को रायपुर पहुंचे विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टीएस सिंहदेव पर हमले का आरोप लगा दिया। इसके बाद से प्रदेश की राजनीति गरमा गई।


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