सब्र और इंतज़ार की मिसाल है बोम्मई की कहानी

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बोम्मई की कहानी एक मिसाल है जो बताती है कि किस्मत कैसे बदल सकती है।

जेडीएस में जब उनकी उम्मीदें ख़त्म हो गई थीं तब उन्होंने कांग्रेस से किसी वरिष्ठ नेता से पार्टी में शामिल होने का संदेश पाने के लिए लगभग एक हफ़्ते तक इंतज़ार किया था। 

इसके बाद उन्होंने वेटिंग रूम में बैठकर येदियुरप्पा का इंतज़ार किया। उन्होंने येदियुरप्पा के आवास पर बैठकर भी इंतज़ार किया।

बोम्मई ने तब मिडीया से बताया था, "मैं कुछ कहता नहीं था, मैं बस वहाँ जाकर चुपचाप बैठता था। एक दिन येदियुप्पा को कोई शख़्स चुनाव के टिकट परेशान कर रहा था. तब उन्होंने मेरी ओर इशारा किया और कहा- उन्हें देखिए. वो कितने धैर्य के साथ इंतज़ार कर रहे हैं।

इस बीच बासवराज बोम्मई ने येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि के साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की है।

कहा जा रहा है कि वो बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।


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