दीपिका कुमारी पर जब देश भर की निगाहें टिकी थीं तब राँची में उनके घर पर सन्नाटा था

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दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी का ओलंपिक सफ़र अब ख़त्म हो गया है। तीरंदाजी इवेंट के अंतिम आठ में वह अन सान से हार गईं। शुक्रवार सुबह जब उन्होंने प्री क्वार्टर मुक़ाबला रोमांचक अंतर से जीता तो देश भर की उम्मीदें उन पर टिक गई थी। लेकिन रांची ज़िला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर रातु स्थित दीपिका के घर में कोई हलचल नहीं थी। वजह, उनके घर में बिजली नहीं थी। बीते दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण बिजली बार बार कट रही है ।

दीपिका का आख़िरी मैच भी घरवालों ने नहीं देखा। वहां माजूद कुछ मीडिया कर्मियों ने उनके भाई दीपक कुमार से कहा कि मोबाइल पर ही मैच देख लें । लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। ये शायद ओलंपिक खेलों में पदक जीतने को लेकर उम्मीदों के बोझ का दवाब ही होगा।

दीपिका के पिता शिवनारायण प्रजापति घर में मौजूद नहीं थे। वहीं मां गीता देवी लगातार घर में ही बंद रही।

दीपिका के भाई दीपक ने बताया कि ये जो परिणाम आया है,उसके लिए मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता हूं। दीदी ने बहुत अच्छा ट्राई किया।मेहनत की और आगे बढ़ी। अपना बेस्ट से बेस्ट दिया है उन्होंने. ओलंपिक में दुनिया भर के खिलाड़ी आते हैं, सभी जीतने के लिए ही आते हैं। हार गई तो कोई बात नहीं। फिर चार साल बाद ओलंपिक आएगा। फिर दीदी अपना बेस्ट देंगी।

उन्होंने कहा कि मैच होते रहता है। दीदी को किसी तरह का दवाब नहीं लेना चाहिए।


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