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टोक्यो ओलंपिक ख़त्म, जानिए भारत के स्टार खिलाड़ियों को
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकों के साथ अब तक के ओलंपिक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. आठ अगस्त को टोक्यो ओलंपिक का समापन हो गया. टोक्यो में भारत ने एथलेटिक्स (स्वर्ण), वेटलिफ़्टिंग (रजत), कुश्ती (एक रजत, एक कांस्य), हॉकी (कांस्य), बैडमिंटन (कांस्य) और बॉक्सिंग (कांस्य) में पदक हासिल किए. टोक्यो से पहले भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में सबसे अधिक 6 पदक हासिल किए थे।
13 साल बाद स्वर्ण पदक
भारतीय टीम ने 13 साल बाद ओलंपिक में स्वर्ण पदक का सूखा ख़त्म किया. टोक्यो में नीरज चोपड़ा ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. उन्होंने 87.58 मीटर जैबलिन थ्रो (भाला फेंक) के साथ भारत की झोली में यह स्वर्ण पदक डाला. नीरज चोपड़ा पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे थे.
21 साल बाद वेटलिफ़्टिंग में पदक
टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों का खाता पहले दिन ही मीराबाई चानू ने रजत पदक के साथ खोल दिया था. उन्होंने भारोत्तोलन के 49 किलोवर्ग में कुल 202 किलो (87 किलो + 115 किलो) भार उठा कर भारत के लिए इस प्रतिस्पर्धा में 21 साल बाद ओलंपिक पदक हासिल किया. सिडनी ओलंपिक 2000 के 69 किलो भारोत्तोलन में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता था.
“सिंधु ने की सुशील कुमार की बराबरी
महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने टोक्यो में भारत को दूसरा पदक दिलाया।सिंधु ने रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था टोक्यो में कांस्य पदक जीतकर वे (पहली महिला) दूसरी ऐसे खिलाड़ी बन गईं, जिन्होंने व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में दो ओलंपिक पदक हासिल किए हैं. सुशील कुमार ने कुश्ती में बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य और लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक हासिल किए थे।
रवि दहिया ने दिलाया दूसरा सिल्वर
भारत को टोक्यो ओलंपिक में दूसरा रजत पदक रवि दहिया ने दिलाया. रवि 57 किलोवर्ग फ़्री स्टाइल कुश्ती के फ़ाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त रूसी ओलंपिक समिति के पहलवान जावुर युगुऐव से 4-7 से मात खा गए थे और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा था. रवि कुमार दहिया ओलंपिक में रजत पदक हासिल करने वाले दूसरे पहलवान हैं. उनसे पहले सुशील कुमार ने 2012 के लंदन ओलंपिक में यह कामयाबी हासिल की थी.
41 साल बाद हॉकी में पदक
आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारतीय हॉकी टीम के लिए टोक्यो ओलंपिक बड़ी सफलता लेकर आया. भारतीय टीम लंबे अरसे के बाद ओलंपिक हॉकी के सेमीफ़ाइनल में पहुंची और वर्ल्ड नंबर-1 और टोक्यो में चैंपियन बनी बेल्जियम को कड़ी टक्कर देने के बाद हारी. लेकिन जब मुक़ाबला कांस्य पदक के लिए हुआ तो भारतीय टीम ने अपनी रफ़्तार से जर्मनी जैसी मज़बूत टीम को मात दी. कांस्य पदक जीतने के साथ ही भारत का 41 सालों से ओलंपिक हॉकी में पदक का सूनापन ख़त्म हुआ. अब ओलंपिक हॉकी में भारत के आठ स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदकों समेत 12 मेडल हो गए हैं.
बजरंग पूनिया को कांस्य पदक
नीरज चोपड़ा की तरह ही बजरंग पूनिया का यह पहला ओलंपिक था और वे 65 किलोवर्ग फ़्री स्टाइल कुश्ती के सेमीफ़ाइनल में भले ही हार गए लेकिन कांस्य पदक के मुक़ाबले में उन्होंने कज़ाख़स्तान के दौलेत नियाज़बेकोव को कोई मौक़ा नहीं दिया और 8-0 से हराकर उन्होंने पदक हासिल किया. यह टोक्यो ओलंपिक के समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले भारत का छठा मेडल था. इसी दिन कुछ देर बाद भारत के लिए वो स्वर्णिम पल आया जब नीरज चोपड़ा ने अपने जैबलिन से लिखी.
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