तालिबान लौटा तो चवन्नी भी नहीं देंगे अफ़ग़ानिस्तान को, जर्मनी ने किया साफ़

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जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने कहा है कि तालिबान अगर अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में लौटा तो वो उन्हें एक पैसा नहीं देंगे. 

उन्होंने जर्मन प्रसारक ज़ेडडीएफ़ को एक इंटरव्यू में कहा कि तालिबान को पता है कि बिना विदेशी मदद के वो नहीं चल सकते.

जर्मन मंत्री ने कहा, "हम उस देश को एक सेंट नहीं देंगे अगर वहाँ तालिबान का पूरा नियंत्रण हो जाता है.

जर्मनी अफ़ग़ानिस्तान को सबसे ज़्यादा चंदा देने वाले देशों में आता है. वो उसे हर वर्ष लगभग 50 करोड़ डॉलर की मदद देता है.

साथ ही, जर्मनी के सैनिक पिछले लगभग 20 सालों से अफ़ग़ानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की सेना के साथ तैनात रहे हैं.

जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के वापसी के फ़ैसले के बाद जर्मन सेनाओं का भी वहाँ रहना मुमकिन नहीं था. 

मास ने कहा, “इस फ़ैसले का मतलब ये हुआ कि नेटो सेनाओं को भी देश छोड़ना पड़ा क्योंकि बिना अमेरिका के, कोई भी देश वहाँ अपने सैनिकों को सुरक्षित नहीं भेज सकता.

उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार ने वहाँ और समय के लिए सैनिकों को तैनात रखने पर विचार किया था मगर वो “नेटो से बाहर जाकर फ़ैसले नहीं ले सकते .


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