नई आशाओं का गढ़ बनेगा छत्तीसगढ़

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संदेश में कहा कि स्वतंत्र भारत के महान संविधान का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, व्यक्ति की गरिमा तथा राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता का रास्ता अपनाना, तब भी हमारी जरूरत थी और आज भी हमें इसकी जरूरत है। आज इस पावन तिरंगे की छांव में खड़े होकर हम एक बार फिर यह संकल्प लेते हैं कि गांधी-नेहरू-अम्बेडकर के रास्ते पर, संविधान के सिद्धांतों पर चलेंगे, भले ही रास्ता कितना भी कठिन और चुनौतियों से भरा क्यों न हो। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ मॉडल से देश में विकास की जो नई अवधारणा विकसित हो रही है, समरसता और भागीदारी के साथ विकास का जो नया वातावरण बन रहा है, उससे न सिर्फ छत्तीसगढ़ के प्रति देश का विश्वास मजबूत होगा, छत्तीसगढ़ न सिर्फ देश और दुनिया के लिए नई आशाओं का गढ़ बनेगा बल्कि इसका लाभ भारत को अपनी विरासत, मूल्यों और सिद्धांतों के अनुरूप आगे बढ़ाने में भी मिलेगा। छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय गौरव के केन्द्र के रूप में सम्मानित होगा। हम ऐसा ही ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने को प्रतिबद्ध हैं। समारोह में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एम.आर.निषाद, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री राजकुमारी दीवान, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम.अवस्थी सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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